स्वच्छता एप पर सिर्फ 15 फीसद शिकायतें हुई दूर, कूड़े के डंप की नहीं हो रही सफाई

स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई से जुड़ी शिकायतों के लिए बनाई गई एप पर काम बंद हो गया है। शिकायतों के तुरंत निपटारे के लिए तैनात की गई टीम और स्पेशल गाड़ी को हटा दिया है।

By Sat PaulEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 01:42 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 01:42 PM (IST)
स्वच्छता एप पर सिर्फ 15 फीसद शिकायतें हुई दूर, कूड़े के डंप की नहीं हो रही सफाई
स्वच्छता एप पर सिर्फ 15 फीसद शिकायतें हुई दूर, कूड़े के डंप की नहीं हो रही सफाई

जालंधर, [जगजीत सिंह सुशांत]। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई से जुड़ी शिकायतों के लिए बनाई गई एप पर काम बंद हो गया है। ऑनलाइन आने वाली शिकायतों के तुरंत निपटारे के लिए तैनात की गई टीम और स्पेशल गाड़ी को हटा दिया गया है। केंद्र सरकार के ऑनलाइन सर्वे में जालंधर की स्थिति काफी खराब आई है। नवंबर से जनवरी के बीच एप के जरिए आने वाली शिकायतों का डाटा सार्वजनिक किया गया है। इन शिकायतों का निपटारा ही नहीं हो रहा। सिर्फ 15 प्रतिशत शिकायतें दूर की गई हैं और 6 प्रतिशत लोग ही निगम के काम से खुश हैं। इससे एक बात साफ है कि इस बार स्वच्छता सर्वे को लेकर भी निगम गंभीर नहीं रहा। न तो निगम ने स्वच्छता एप डाउनलोड करवाने में रूचि दिखाई और न ही कोई ऐसा कार्यक्रम करवाया गया कि लोग इसके प्रति जागरूक हों। 2017 के सर्वे में निगम ने स्कूल, कालेजों में सेमिनार, नुक्कड़ नाटकों, सरकारी दफ्तरों में मीटिंग्स करके एप डाउनलोड करवाकर लोगों को कूड़े से जुड़ी शिकायतें करने के लिए जागृत करते थे। इस बार निगम ने ऐसा प्रयास नहीं किया।

अघोषित डंपों की नहीं हो रही सफाई

नगर निगम की टीमें सिर्फ उन्हीं डंपों से कूड़ा उठाती हैं जिन डंपों को निगम ने नोटिफाई किया है। शहर की हदें बढ़ने और नए इलाकों में डवलपमेंट के कारण बाहरी इलाकों में कई डंप बन गए हैं। यह डंप निगम के रिकाॅर्ड में नहीं है। ऐसे में इनकी सफाई तभी होती है जब शिकायत आती है या इलाका कौंसलर का प्रेशर होता है। शहर के अंदरुनी इलाकों में भी कई जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। स्वच्छता एप की शिकायतों पर जब काम हो रहा था, तब ऐसे अघोषित डंप और मोहल्लों, सड़कों पर पड़े कूड़े को उठवाने के लिए यही एप काम आता था। तब इमरजैंसी टीम भी थी इसलिए कूड़ा उठा लिया जाता था लेकिन अब यह काम बंद हो गया है।

यह है तीन महीनों की रिपोर्ट

नवंबर 2018 में स्वच्छता एप पर जालंधर में 565 लोग रजिस्टर्ड थे। जिनमें से सिर्फ 130 एक्टिव थे। इस महीने 14 शिकायतें आई और एक का भी हल नहीं निकाला गया। दिसंबर 2018 में सर्वे पास आने से निगम एक्टिव हुआ और एप पर 722 लोग रजिस्टर्ड थे। इस दौरान 146 लोग एक्टिव थे। दिसंबर में 28 शिकायतें आई और 22 को हल किया गया। सिर्फ एक शिकायतकर्ता ने पॉजिटिव फीडबैक दिया। जनवरी 2019 में स्वच्छता एप पर 589 लोग रजिस्टर्ड थे जिनमें से सिर्फ 257 लोग एक्टिव थे। इस दौरान स्वच्छता सर्वे शुरू चल रहा था जिस कारण नगर निगम भी एक्टिव रहा। जनवरी महीने में एप के जरिए शहर में कूड़ा पड़े होने की 148 शिकायतें आईं। इनमें से 65 का ही हल निकाला गया। जिन 65 शिकायतों का निपटारा किया गया उनमें से सिर्फ 8 लोगों ने ही पॉजिटिव फीडबैक दिया। निगम के काम से सिर्फ 6 प्रतिशत लोग खुश, न तो निगम ने एप डाउनलोड करवाने में रूचि दिखाई न कोई कार्यक्रम करवाया

इमरजेंसी सफाई के लिए लगाई टीम निगम ने हटाई

तीन साल पहले जब एप के जरिए आने वाली शिकायतों के निपटारे का काम शुरू हुआ था तो तब मेयर सुनील ज्योति ने इसके लिए स्पेशल टीम लगा दी थी। टीम के पास अलग से मशीनरी थी। जब भी एप के जरिए कोई शिकायत आती तो इस टीम को मैसेज भेज दिया जाता। उसी समय यह टीम सफाई के लिए निकल जाती थी। अब यह टीम ही हटा दी गई है। असिस्टेंट हेल्थ अफसर डॉ. वरिंदर रतन का कहना है कि अब जो शिकायतें आती हैं वह संबंधित इलाके के सेनेटरी इंस्पेक्टर को भेज दी जाती हैं। एप पर आने वाली शिकायतों को दूर करने के लिए लगाई टीम काफी पहले ही हटा दी गई थी।

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