Budget 2021- शर्तों में पिस कर रह गए हैं कारोबारी, व्यवसाय को बचाने के लिए राहत दे सरकार

Budget 2021 Indiaः जालंधर में उद्यमियों को केंद्र के बजट से काफी उम्मीदें हैं। उद्यमियों ने कहा कि सरकार ने बड़े औद्योगिक घरानों के प्रभाव में आकर बीआइएस लागू कर दिया है जो छोटी इकाइयों को खत्म कर देगा। सरकार को कोई भी नियम लागू करने से पहले सोचना चाहिए।

By Vinay kumarEdited By: Publish:Mon, 01 Feb 2021 08:41 AM (IST) Updated:Mon, 01 Feb 2021 08:41 AM (IST)
Budget 2021-  शर्तों में पिस कर रह गए हैं कारोबारी, व्यवसाय को बचाने के लिए राहत दे सरकार
Budget 2021 Indiaः जालंधर में उद्यमियों ने बजट को लेकर कई मांगे की हैं।

जालंधर, जेएनएन। Budget 2021 Indiaः  कोरोना काल के बाद किसान आंदोलन ने उद्यमियों की परेशानी बढ़ाई है। पहले इंडस्ट्री बंद रही तो बाद में माल सप्लाई करने व कच्चा माल मंगाना मुश्किल हो गया। ऐसे में उद्यमियों को केंद्र सरकार के बजट से काफी उम्मीदें हैं। स्पोट्र्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री का कहना है कि निर्यात को बढ़ावा देना जरूरी है। पंजाब रबड़ फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ने कहा कि कई लोग घरों में भी मशीन लगाकर रबड़ चप्पल बनाते हैं। उन्होंने सरकार से ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) की शर्त हटाने की मांग की है। टैक्सेशन की पेचिदगियां भी कम नहीं हैं।

उद्यमियों ने इसे खत्म करने की मांग की। हैंडटूल्स उद्यमियों ने कहा कि कच्चे माल की कीमतें बढ़ती रहती हैं, जबकि तैयार माल की कीमतें नहीं बढ़ती। उन्होंने कहा कि साल भर कच्चे माल के रेट एक समान रखे जाएं। इन्होंने कैपिटल स्कीम में 15 फीसद सब्सिडी की वाॢषक सीमा दो करोड़ करने की मांग की। इसके अलावा खेल एक्सपोर्टर ने कच्चे माल की कीमतें कम रखने, मशीनरी ड्यूटी फ्री करने और इसेंटिव की मांग की। बजट पर मनुपाल शर्मा व कमल किशोर की रिपोर्ट...।

रबड़ फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों के लिए हटे बीआइएस
पंजाब रबड़ फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज अरोड़ा का कहना है कि रबड़ चप्पल आर्थिक तौर पर कमजोर तबके के लिए बनाई जाती है। सरकार ने अब ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) की शर्त लागू कर दी है। इससे छोटे चप्पल निर्माता तो व्यवसाय से ही बाहर हो जाएंगे। सरकार इस शर्त से राहत दे।

बजट में बीआइएस की शर्त को खत्म कर देना चाहिए

एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मानिक गुलाटी कहते हैं कि बजट में बीआइएस की शर्त को खत्म कर देना चाहिए। सरकार को कोई भी नियम लागू करने से पहले यह जरूर सोच लेना चाहिए कि इस उद्योग में छोटे-बड़े उद्यमी शामिल हैं। सरकार को बजट में रबड़ फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग व्यवसाय को बचाने के लिए राहत की घोषणा करनी चाहिए। एसोसिएशन के फाइनेंशियल सेक्रेटरी अमित चड्ढा के अनुसार इस वक्त तो ऐसे हालात बन गए हैं कि सरकार अगर पुराने किसी नियम में राहत नहीं दे सकती है तो न दे, लेकिन बीआइएस जैसा कोई नया कानून न थोपा जाए। कारोबारी मौजूदा परिस्थितियों में तो केंद्र एवं राज्य सरकार के मध्य में पिस कर रह गए हैं। इन शर्तों को हटाया जाए।

टैक्सेशन की पेचिदगी खत्म हो
एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजेंद्र अरोड़ा का कहना है कि कोविड-19 महामारी व उसके बाद किसान आंदोलन के चलते व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ। सरकार ने बड़े औद्योगिक घरानों के प्रभाव में आकर बीआइएस लागू कर दिया है, जो छोटी इकाइयों को खत्म कर देगा। टैक्सेशन की पेचिदगी को खत्म किया जाए।

स्पोट्र्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री
देशों से हों मुक्त व्यापार समझौते
स्पोट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के मुकुल वर्मा ने कहा कि निर्यात पर तीव्र फोकस होना चाहिए। भारत सरकार को उन देशों में आयात शुल्क के मामले में यूरोपीय संघ, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते बनाने चाहिए। केंद्र सरकार को बड़ी इकाइयों के अलावा छोटी और मझोली कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर (जेवी) बनाने की पहल करनी चाहिए।

भारतीय ब्रांडों के उपयोग पर जोर दे सरकार

स्पोट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के सुमित शर्मा ने कहा कि भारत सरकार को उस आयातित कच्चे माल पर शून्य शुल्क संरचना की अनुमति देनी चाहिए, जो भारत में नहीं बनाए जा रहे हैं। घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार को केवल भारतीय ब्रांडों के उपयोग पर जोर देना चाहिए

निर्यातकों को मिले प्रोत्साहन

स्पोट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अजय महाजन ने कहा कि भारत सरकार को आरओडीटीईपी की नई योजना में निर्यातकों को प्रोत्साहन देकर निर्यात का समर्थन करना चाहिए। इसके लिए दरों को एमईआइएस के साथ रखने की घोषणा की जानी है। सरकार को बजट में एमएसएमई क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

सरकार ध्यान देगी तो बढ़ेगा रोजगार
स्पोट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अश्विनी मागो ने कहा कि केंद्र सरकार को भारतीय कंपनियों द्वारा किए जा रहे प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि माल की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार आ सके। इससे उत्पादन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा और इसके परिणामस्वरूप रोजगार और राजस्व में वृद्धि होगी।

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