अस्पताल स्टाफ को सिखाया बीएलएस से मरीजों के बचाना
अस्पताल व सड़क पर अचानक किसी व्यक्ति को दौरा पड़ने से हालत बिगड़ने पर मौके पर मिली बेसिक लाइफ स्पोर्ट (बीएलएस) वरदान साबित हो सकती है। इस बात की जानकारी आईएमए के पूर्व प्रधान डा. मुकेश गुप्ता ने एपेक्स अस्पताल में आयोजित बीएलएस ट्रेनिग कार्यक्रम के दौरान दी। उन्होंने बताया कि मरीज के बेहोश होते ही पूरी सक्रियता के साथ उसको सीधा लिटाकर उसे होश में लाने के प्रयास करें और सीने से थोड़ी नीचे दबाव डालने की नीति बताई ताकि उसकी श्वास प्रणाली चलने लगे और उसके दिल की धड़कनें दोबारा शुरू हो
जागरण संवाददाता, जालंधर
अस्पताल व सड़क पर अचानक किसी व्यक्ति को दौरा पड़ने से हालत बिगड़ने पर मौके पर मिली बेसिक लाइफ स्पोर्ट (बीएलएस) वरदान साबित हो सकती है। इस बात की जानकारी आइएमए के पूर्व प्रधान डॉ. मुकेश गुप्ता ने एपेक्स अस्पताल में आयोजित बीएलएस ट्रेनिग कार्यक्रम के दौरान दी।
उन्होंने बताया कि मरीज के बेहोश होते ही पूरी सक्रियता के साथ उसको सीधा लिटाकर होश में लाने के प्रयास करें। सीने से थोड़ी नीचे दबाव डालने की नीति बताई ताकि उसकी श्वास प्रणाली चलने लगे और उसके दिल की धड़कनें दोबारा शुरू हो जाएं। इसी तरह सड़क, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और सार्वजनिक स्थल पर हार्ट अटैक वाले मरीज को बीएलएस की सुविधा मुहैया करवाने से मृत्यु दर में कटौती करना संभव है। उन्होंने कहा कि एक लाख लोगों को ट्रेनिग देने का लक्ष्य है और टीम ने 11000 का आंकड़ा पार कर लिया है। डॉ. पारस खुल्लर, डॉ. अभिषेक कुमार, डॉ. रणबीर सिंह, डॉ. टीएल चोपड़ा, डॉ. इन्द्रजीत कलसी, डॉ. कर्णबीर सिंह, डॉ. अमरिदर सिंह, डॉ. अक्षता देसाई, डॉ. जसलीन कौर के अलावा अस्पताल स्टाफ और मरीजों के परिजन मौजूद थे।