पांच दिन में शूट की गई थी फिल्म बंकर, जेएफएफ में हुआ प्रीमियर
युद्ध में जूझ रहे सैनिक की मनोस्थिति के ऊपर आधारित फीचर फिल्म बंकर की शूटिग मात्र पांच दिन में एक लोकेशन पर निपटा ली गई थी।
जागरण संवाददाता, जालंधर
युद्ध में जूझ रहे सैनिक की मनोस्थिति के ऊपर आधारित फीचर फिल्म बंकर की शूटिग मात्र पांच दिन में एक लोकेशन पर निपटा ली गई थी। 80 मिनट की इस फीचर फिल्म के ऊपर 35 लाख रुपए खर्च आए थे। यह बात फिल्म के सब्जेक्ट एवं मेकिग को लेकर फिल्म के प्रीमियर पर शहीद उधम सिंह नगर स्थित केएल सहगल ऑडिटोरियम में जारी 10वीं जागरण फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन पहुंचे फिल्म के लेखक एवं निर्देशक जुगल राजा ने कही। उन्होंने बताया कि फिल्म युद्ध में जूझ रहे एक उस सैनिक के बारे में है जिसके दो साथी मारे जाते हैं और उनकी अपनी दो आंखें बुरी तरह से घायल होती हैं और एक पैर में टूट जाता है और वह एक बंकर में ही फंसे रहते हैं।
जुगल राजा ने कहा कि फिल्म का सब्जेक्ट एंटी वॉर है, जोकि शांति का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि युद्ध में अपनों को खोने का गम किसी भी जंग जीतने से बड़ा होता है। उन्होंने कहा कि फिल्म बनाने से पहले उन्होंने अपने बहुत सारे मित्र सैनिकों के साथ समय बिताया। उन्हें जाना और उनकी मनोस्थिति को समझने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सैनिक युद्ध से डरते हैं, लेकिन लंबे समय तक अपने परिवार से दूर रहना असर जरूर डालता है।
जुगल राजा ने बताया कि फिल्म के लीड रोल में अभिजीत हैं, जिन्होंने फिल्म को पांच दिन में खत्म करने के टारगेट के लिए फिल्म की यूनिट के साथ एक दिन में 20 घंटे काम भी किया। उन्होंने कहा कि अभिजीत ने अपने भारी-भरकम मेकअप को भी नहीं उतरने दिया और ²ढ़ निश्चय के साथ फिल्म को समय अवधि में पूरा करने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि फिल्म शुरू करने से पहले कई माह तक वर्कशॉप आयोजित कर रिहर्सल की गई और फिल्म बनाते समय मात्र एक सीन को छोड़कर बाकी सारी फिल्म एक ही लोकेशन पर शूट की गई। एक ही सीन के लिए दूसरी लोकेशन पर जाना पड़ा, लेकिन यह भी मुंबई के ही भीतर थी।
लंदन से देहरादून तक कार चलाकर पहुंचे एक दंपति पर आधारित हिदी किताब सफरनामा लिख चुके जुगल राजा ने बताया कि उनकी फिल्म बंकर का प्रीमियर जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) के दौरान ही देश के विभिन्न शहरों में किया गया है और वह इसे लेकर गौरवान्वित हैं।