डीईओ दफ्तर में नहीं आ सकेंगे शिक्षक व नॉन टीचिंग स्टाफ

डीईओ दफ्तर में शिक्षकों व नॉन टीचिंग स्टाफ के आने पर पाबंदी लगा दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 08:33 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 01:08 AM (IST)
डीईओ दफ्तर में नहीं आ सकेंगे शिक्षक व नॉन टीचिंग स्टाफ
डीईओ दफ्तर में नहीं आ सकेंगे शिक्षक व नॉन टीचिंग स्टाफ

अंकित शर्मा, जालंधर

डीईओ दफ्तर में शिक्षकों व नॉन टीचिंग स्टाफ के आने पर पाबंदी लगा दी गई है। जिला शिक्षा अधिकारियों ने जिले के सभी सरकारी, एडिड स्कूल मुखियों व स्कूल प्रमुखो को इस संबंध में पत्र जारी करके शिक्षकों और कर्मचारियों को दफ्तर भेजने से रोकने को कह दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि जरूरी काम होने पर ही वे उप जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क करें।

अब मौके पर हाजिर होकर होने वाली पब्लिक डीलिग पूरी तरह से बंद कर दी गई है। अगर उन्हें लगा तो वे खुद ही उक्त कर्मचारी व शिक्षक को दफ्तर बुलाएंगे। इसके अलावा सभी को दफ्तर में किसी न किसी काम के सिलसिले में आने के लिए रोक लगा दी गई है। हालांकि स्कूलों में भी पब्लिक डीलिग बच्चों के दाखिले को लेकर चल रही है, मगर उस संबंध में अभी तक न जिला शिक्षा अधिकारियों की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं और न ही शिक्षा विभाग से। बस यह कहकर खानापूर्ति कर दी गई है कि सभी स्कूल मुखी डब्ल्यूएचओ और सरकार की तरफ से कोविड-19 को लेकर जारी की गई हिदायतों का पालन करें। ये दिया तर्क : बिना वजह दफ्तरी समय में आ रहे शिक्षक और नॉन टीचिग स्टाफ

जिला शिक्षा अधिकारियों का तर्क है कि कई अध्यापक व नॉन टीचिग स्टाफ दफ्तरी समय के दौरान बिना किसी काम के ही दफ्तर में आ जाते हैं। इसलिए सभी तुरंत प्रभाव से इन हिदायतों का पालन करें और किसी भी सूरत में दफ्तर न भेजें। अगर कोई भी कर्मचारी बिना किसी काम के दफ्तर में घूमते हुए या हाजिर पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई बेहद जरूरी काम हो तो वे उप जिला शिक्षा अधिकारी राजीव जोशी, अमला शाखा सुपरिटेंडेंट सुरिदर कुमार, आम शाखा सुपरिटेंडेंट रोशन लाल के साथ फोन पर संपर्क करें। यह फैसला कोरोना की वजह से बिगड़ी स्थिति को ध्यान में रखकर लिया है। राज्य और केंद्र सरकार ने दफ्तरों को खोलने संबंधी 50 फीसद स्टाफ की हाजिरी को ध्यान में रखते हुए छूट दी है। ऐसे में स्थिति निरंतर बिगड़ रही है। जिसके चलते सभी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही यह फैसला लिया गया है।

हरिदरपाल सिंह, डीईओ

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