VIDEO: भगोड़े अमृतपाल ने बनाई थी फायरिंग रेंज, युवाओं के जरिए दहशत फैलाने की थी तैयारी

Amritsar News भगोड़े अमृतपाल सिंह द्वारा अमृतसर जिले के गांव जल्लू खेड़ा के दरिया में बनाई गई फायरिंग रेंज में आनंदपुर खालसा फोर्स निशानेबाजी करती थी। अमृतपाल सेना से रिटायर दागी सैन्य कर्मियों की भर्ती अपनी फोर्स में करता था।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 24 Mar 2023 01:15 PM (IST) Updated:Fri, 24 Mar 2023 01:39 PM (IST)
VIDEO: भगोड़े अमृतपाल ने बनाई थी फायरिंग रेंज, युवाओं के जरिए दहशत फैलाने की थी तैयारी
अमृतपाल द्वारा फायरिंग रेंज में आनंदपुर खालसा फोर्स की शूटिंग

जालंधर, मनोज त्रिपाठी। भगोड़े अमृतपाल सिंह द्वारा अमृतसर जिले के गांव जल्लू खेड़ा के दरिया में बनाई गई फायरिंग रेंज में आनंदपुर खालसा फोर्स निशानेबाजी करती थी। अमृतपाल सेना से रिटायर दागी सैन्य कर्मियों की भर्ती अपनी फोर्स में करता था।

वहीं, नशा छोड़ने के नाम पर नशा छुड़ाओ केंद्र में शामिल होने के लिए आने वाले युवाओं का ब्रेनवाश करके उन्हें फायरिंग की ट्रेनिंग देते थे। इस काम को करने के लिए अमृतपाल की तरफ से फायरिंग की ट्रेनिंग देने के लिए रखे गए पूर्व दागी सैन्य कर्मियों को वेतन भी दिया जाता था। 

#AmritpalSingh अमृतपाल द्वारा #amritsar के गांव जल्लू खेड़ा में दरिया में बनाई गई फायरिंग रेंज में आनंदपुर खालसा फोर्स #AKF के सदस्य शूटिंग का अभ्यास करते हुए । पुलिस के अनुसार वह सेना से रिटायर दागी सैन्य कर्मियों की भर्ती #AKF में कर रहा था ।
#Amritpal @JagranNews pic.twitter.com/FrC02KwE99

— Amit sharma (@editor_amit) March 24, 2023

युवाओं को दी जा रही थी ट्रेनिंग

पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए ट्रेनिंग देने वाले दागी कर्मियों से पूछताछ में इसकी जानकारी सामने आई है कि  फायरिंग रेंज में अमृतपाल की तरफ से 150 से ज्यादा युवाओं को फायरिंग की ट्रेनिंग दिलवाई जा चुकी थी। यह ट्रेनिंग बाकायदा फौजी स्टाइल में करवाई जाती थी। इसके लिए फायरिंग के साथ-साथ उन्हें उसी तरह की ट्रेनिंग दिलाई जाती थी जैसी कि फौज में मिलती है।

आनंदपुर खालसा फौज में किया जाता था भर्ती

युवाओं को आनंदपुर खालसा फोर्स के सिपाही के रूप में तैयार किया जाता था। इतना ही नहीं युवाओं को हथियार लेकर कैसे भागना है उनकी भागने की स्पीड कितनी होनी चाहिए, इसकी भी ट्रेनिंग उबड़ खाबड़ जगह पर दी जाती थी। उन्हें सिखाया जाता था कि भागते-भागते किस प्रकार से गोलियां चलानी हैं। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ही उन्हें आनंदपुर खालसा फौज में भर्ती किया जाता था। 

दिए जाते थे हथियार

युवाओं को बकायदा फौज की तरह ही भर्ती किया जाता था। इसके लिए उन्हें बाकायदा वर्दी (पहनावा) कपड़े दिए जाते थे और असलहे भी दिए जाते थे। साथ में उनकी रैंक भी बताई जाती थी। रैंक के हिसाब से ही अमृतपाल की फौज में शामिल होने वाले युवाओं को हथियार दिए जाते थे जो प्रमुख पदों पर तैनात किए जाते थे उन्हें बुलेट प्रूफ जैकेट दी जाती थी

chat bot
आपका साथी