9वां जागरण फिल्म फेस्टिवल बस यादें छोड़ गया..

भाषाओं और देशों की सरहदों को लांघते हुए तीन दिवसीय 9वां जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) 13 फिल्मों के प्रदर्शन के साथ रविवार को संपन्न हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Aug 2018 01:17 PM (IST) Updated:Mon, 27 Aug 2018 02:21 PM (IST)
9वां जागरण फिल्म फेस्टिवल बस यादें छोड़ गया..
9वां जागरण फिल्म फेस्टिवल बस यादें छोड़ गया..

जागरण संवाददाता, जालंधर : भाषाओं और देशों की सरहदों को लांघते हुए तीन दिवसीय 9वां जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) 13 फिल्मों के प्रदर्शन के साथ रविवार को संपन्न हो गया। केएल सहगल मेमोरियल हॉल में 24 से 26 अगस्त तक चले फिल्मोत्सव के दौरान जालंधर और आसपास के शहरों से बड़ी संख्या में दर्शक विभिन्न विषयों पर बनीं व‌र्ल्ड क्लास फिल्में देखने के लिए उमड़े। इन फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान और अवार्ड मिल चुके हैं। रविवार को फेस्टिवल के तीसरे और अंतिम दिन का शुभारंभ मेयर जगदीश राज राजा ने किया।

अंतिम दिन ईरानी फिल्म बॉडीगार्ड, लघु फिल्में मॉर्निंग ड्यू, लक्ष, ह¨मग बर्ड और पाशी के अलावा फिल्में टर्टल, चीनी कम, रेड और लम्हे दिखाई गई। रजनीगंधा की ओर से प्रायोजित जागरण फिल्म फेस्टिवल में रेडियो सिटी भी भागीदार था। हॉस्पिटेलिटी पार्टनर के तौर पर होटल रमाडा का विशेष योगदान रहा।

फेस्टिवल के तीनों ही दिन समाज के विभिन्न वर्गो के अलावा शैक्षणिक संस्थानों, केंद्रीय पुलिस संगठनों-सीआरपीएफ, आईटीबीपी और पंजाब पुलिस की ओर से विशेष रुचि दिखाई गई। सभी शो लगातार फुल रहे और अपनी पसंदीदा फिल्म देखने के लिए दर्शक इंतजार करते दिखे। फेस्टिवल के समापन के मौके पर दैनिक जागरण ग्रेटर पंजाब के चीफ जनरल मैनेजर मो¨हदर कुमार, जनरल मैनेजर नीरज शर्मा, स्थानीय संपादक (पंजाब) अमित शर्मा, पंजाबी जागरण के संपादक व¨रदर ¨सह वालिया और वरिष्ठ समाचार संपादक विजय गुप्ता उपस्थित थे। दर्शकों ने हर फिल्म को सराहा

ईरानी फिल्म बॉडीगार्ड रविवार को दिखाई जाने वाली पहली फिल्म थी। पेशा, परिवार, दोस्तों और निजी ¨जदगी में समन्वय बिठाकर मौत से खेलने वाले दमदार किरदार को दर्शकों की खूब वाहवाही मिली। फिल्म की कहानी एक अधेड़ व्यक्ति हैदर पर आधारित थी। हैदर ईरान में बड़े राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा करता है। अपने काम के दौरान उसे कई बार उसे विकट हालात का सामना करना पड़ता है। डायरेक्टर इब्राहिम हटमिकिया की यह फिल्म 5 इंटरनेशनल अवॉर्ड जीत चुकी है। श्रीदेवी की याद में बीते 'लम्हे'

चंचल, हसीन और दर्शकों के दिलों की धड़कन श्रीदेवी की फिल्म लम्हे देखने को भारी भीड़ उमड़ी। 1991 में बनी इस फिल्म की खासियत यह थी कि लम्हे जालंधर से ही संबंधित निर्माता निर्देशक यश चोपड़ा ने बनाई थी। इस फिल्म में अनिल कपूर और श्रीदेवी ने अभिनय किया था। फिल्म में बेहतरीन अदाकारी के लिए श्रीदेवी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। टर्टल में दिखी जल संकट की समस्या

दुनिया में गहरा रहे जल संकट से मचने वाली त्राहि-त्राहि को केंद्र में रखकर बनाई गई फिल्म टर्टल में देश में पेयजल संकट का बेहतरी प्रस्तुतीकरण किया गया। फिल्म को युवा निर्देशक दिनेश यादव ने डायरेक्ट किया है। फिल्म की कहानी पेयजल संकट से जूझ रहे राजस्थान के एक गांव की है। 'टर्टल' जलसंकट को लेकर तीसरे विश्व युद्ध की तरफ इशारा करती है। चीनी कम आकर्षण का केंद्र रही

लंदन में रेस्तरा मालिक बुद्ध देव गुप्ता (अमिताभ बच्चन) 64 वर्ष की उम्र में तब्बू से प्रेम कर बैठते हैं। दोनों किरदारों की उम्र में 30 वर्ष का अंतर फिल्म को दिलचस्प बना देता है। फिल्मी पर्दे पर उतारी गई यह प्रेम कहानी दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रही। रेड को मिली खूब तालियां

सरकारी तंत्र पर भारी पड़ती राजनीति के खिलाफ उठाने वाले सरकारी अधिकारी को दर्शकों की खूब तालियां मिलीं। राज कुमार गुप्ता के निर्देशन में बनी रेड 1980 के एक साहसी और इमानदार अधिकारी के वास्तविक जीवन से प्रेरित है। मुख्य किरदार अजय देवगन ने निभाया है, जो लखनऊ के प्रभावशाली व्यक्ति के निवास पर छापा मारने का फैसला लेता है।

इन्होंने की शिरकत

आइमा के प्रधान डॉ. जसजीत ¨सह, नीमा के सचिव डॉ. सतबीर ¨सह, डॉ. मुकेश खन्ना, डॉ. गुरमीत ¨सह, डॉ. सर्वजीत ¨सह, डॉ. बीएस भाटिया, डॉ. अमित सल्होत्रा, राकेश ठाकुर, अर्चना, अरुणा, अंजली, सत्यम ठाकुर, डॉ. अमनप्रीत ¨सह, अंग्रेज ¨सह, डॉ. गुरप्रीत ¨सह, डॉ. संदीप भाटिया, र¨मदर कौर, परमजीत कौर, डॉ. आरपी ¨सह, पंडित ज्योति प्रकाश, रंजू मिश्रा, सेवानिवृत्त ¨प्रसिपल परमजीत कौर, डॉ. जो¨गदर अरोड़ा, संगीता, कोमल।

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