Oxygen Crisis: अमृतसर अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 6 मरीजों की मौत, सीएम ने दिए जांच के आदेश

Oxygen Crisis पंजाब के अमृतसर स्थित नीलकंठ अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से छह मरीजों की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल में हाहाकार मच गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 09:28 AM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 07:58 PM (IST)
Oxygen Crisis: अमृतसर अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 6 मरीजों की मौत, सीएम ने दिए जांच के आदेश
अमृतसर के नीलकंठ अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से छह मरीजों की मौत।

अमृतसर [नितिन धीमान]। Oxygen Crisis: ऑक्सीजन की कमी से पंजाब में भी हाहाकार मचना शुरू हो गया है। पंजाब के अमृतसर स्थित नीलकंठ अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से चार कोरोना संक्रमित मरीजों समेत छह लोगों की जान चली गई। फतेहगढ़ चूडि़यां रोड स्थित नीलकंठ अस्पताल में कोरोना के लेवल-थ्री यानी अति गंभीर मरीजों को रखा गया था, जबकि यह लेवल-टू का अस्पताल है। मृतकों में गुरदासपुर का 28 वर्षीय युवक भी शामिल है। वहीं, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने डीसी अमृतसर को घटना की गहन जांच शुरू करने का भी निर्देश दिया है। डीसी को अस्पताल में मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों व परिस्थितियों का पता लगाने के लिए कहा गया है। सभी निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी वाले सरकारी आदेश दिए गए हैं, ताकि वे अपने मरीजों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्थानांतरित कर सकें।

नीलकंठ अस्पताल के एमडी सुनील देवगण ने कहा कि हम 48 घंटों से लगातार आक्सीजन की मांग कर रहे थे। आक्सीजन के मेन सप्लायरों के यहां हमारी गाडि़यां खड़ी हैं। हमें जवाब मिला कि आक्सीजन की सप्लाई सिर्फ गुरुनानक देव अस्पताल में जाएगी। प्रशासन ने भुल्लर गैस एजेंसी सहित सभी गैस सप्लायरों के यहां पुलिस बैठा कर रखी है। प्रशासन निजी अस्पतालों को बंद करवा दे या फिर आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित बनाए। मैंने आक्सीजन की कमी के संदर्भ में प्रशासन के नोडल आफिसर को ईमेल भेजकर कई बार सूचित किया। अपने स्तर पर आक्सीजन का प्रबंध करने का प्रयास किया, लेकिन किसी ने सहयोग नहीं किया। हमने मरीजों के स्वजनों को शुक्रवार शाम को ही बता दिया था कि आक्सीजन खत्म होने वाली है।

उन्होंने जांच टीम को बताया कि हमने मरीजों के स्वजनों से कहा कि आप मरीज को किसी भी अस्पताल ले जा सकते हैं, लेकिन वे जाने को तैयार नहीं हुए। ऐसे में हमने उनसे लिखित में लिया था कि यदि आक्सीजन की कमी से किसी का नुकसान हुआ तो अस्पताल प्रबंधन जिम्मेदार नहीं होगा। वहीं, सिविल सर्जन ने कहा कि नीलकंठ अस्पताल प्रबंधन ने आक्सीजन खत्म होने से पहले मरीजों को गुरुनानक देव अस्पताल रेफर नहीं किया।

बहरहाल, उन्होंने रिपोर्ट तैयार कर स्वास्थ्य मंत्री को भेज दी है। सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह, सहायक सिविल सर्जन डा. अमरजीत सिंह व लोकल बाडी सेल के डिप्टी डायरेक्टर रजत ओबराय अस्पताल पहुंचे और जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि नीलकंठ अस्पताल में लेवल-3 के मरीज दाखिल किए गए थे, जबकि यह अस्पताल लेवल-2 सुविधा वाला है। जिन छह मरीजों की मौत हुई उनमें से तीन कोरोना मरीज बेहद गंभीर अवस्था में थे। कोरोना के साथ-साथ कई असाध्य बीमारियों का शिकार भी थे। ऐसे मरीजों को लेवल-टू केयर की जरूरत होती है। आइसीयू में रात के वक्त स्पेशलिस्ट डाक्टर नहीं था। एक बीडीएस व एक एमबीबीएस डाक्टर ही उपस्थित थे।

सिविल सर्जन के सवाल

जब आक्सीजन नहीं थी तो मरीजों को दाखिल क्यों किया गया? आक्सीजन खत्म होने से पहले मरीजों को गुरुनानक देव अस्पताल में रेफर क्यों नहीं किया गया। मरीजों की फाइल्स पर सीनियर डाक्टर के नोट्स क्यों नहीं हैं।

नहीं थे सीनियर डाक्टर

अस्पताल के कोरोना वार्ड में रात एक बजे डा. कैलाभ व डा. रूपिंदर कौर मौजूद थे। दोनों मेडिकल अफसर हैं। अस्पताल में सीनियर डाक्टर नहीं था। सिविल सर्जन ने इन्टेसिव केयर के डा. रवनीत सिंह ढींगरा से पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं यहां आन काल ही आता हूं। कई सेंटरों में जाना पड़ता है। सिविल सर्जन ने कहा कि आपको इन्टेसिव केयर में होना चाहिए था। डा. ढींगरा ने तर्क दिया कि वह फोन करने पर ही यहां आते हैं।

इनकी गई जान दीदार सिंह: उम्र 65- बलिया मझुपुर, जंडियाला गुरु, अमृतसर (कोरोना संक्रमित) रामप्यारी: उम्र 80- गली पवन स्कूल छेहरा अमृतसर (कोरोना संक्रमित) कंवलजीत कौर: उम्र 58- काला अफगाना, गुरदासपुर (कोरोना संक्रमित) सुखदेव सिंह: उम्र 48- नौशहरा पन्नुआं तरनतारन (कोरोना संक्रमित) गुरप्रीत सिंह: उम्र 28- नंगल बगवां, बटाला, गुरदासपुर कुलवंत सिंह, उम्र 58

अमृतसर 25 सिलेंडर आए थे, 50 की जरूरत थी

नीलकंठ अस्पताल में 25 आक्सीजन सिलेंडर थे। यह शुक्रवार रात का स्टाक था। अस्पताल में रोज 50 सिलेंडरों की खपत हो रहे हैं। रात 12 बजे तीन सिलेंडर और मिले, लेकिन एक बजे आक्सीजन पूरी तरह खत्म हो गई। एक बजे से तीन बजे तक छह मरीजों की जान चली गई।

अस्पताल का रिकार्ड कब्जे में

जांच के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दो घंटे की पड़ताल के बाद सभी मृतकों का रिकार्ड कब्जे में लिया। शवों को संस्कार के लिए भेजा गया। मृतकों में से तीन को बीते वीरवार को यहां दाखिल करवाया गया थ, जबकि तीन को शुक्रवार को।

chat bot
आपका साथी