कैंट के 12 गांवों को निगम में शामिल करने का रास्ता साफ

कैंट हलके के 12 गांवों को नगर निगम में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Mar 2018 09:02 PM (IST) Updated:Tue, 27 Mar 2018 09:02 PM (IST)
कैंट के 12 गांवों को निगम में शामिल करने का रास्ता साफ
कैंट के 12 गांवों को निगम में शामिल करने का रास्ता साफ

जागरण संवाददाता, जालंधर : कैंट हलके के 12 गांवों को नगर निगम में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है। इस संबंधी मंजूरी के लिए निगम की ओर से सरकार को फाइल भेजी गई है। विधायक परगट सिंह की कोशिशों के कारण यह संभव हुआ है।

बीते वर्ष दिसंबर में हुए नगर निगम चुनाव से ठीक पहले शहर के वार्डो की संख्या 60 से बढ़ाकर 80 कर दी गई थी। हालांकि, इस दौरान शहर में कोई नया इलाका शामिल नहीं किया गया था। जनवरी 2017 में कैंट विधानसभा हलके के एक दर्जन गांवों को नगर निगम के अंतर्गत लाने की कोशिश इस दौरान परवान नहीं चढ़ सकी थी। मामले में कुछ तकनीकी दिक्कतें आने से यह संभव नहीं हो सका था। पर अब यह संभव होता दिख रहा है। नगर निगम की बि¨ल्डग ब्रांच की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि कैंट विधानसभा क्षेत्र से लगते 12 गांवों को नगर निगम में शामिल करने संबंधी फाइल को मंजूरी के लिए सरकार को भेज दिया गया है। प्रदेश में जुलाई में प्रस्तावित पंचायत चुनावों से पहले सरकार की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने की संभावना के चलते माना जा रहा है कि इन इलाकों में पंचायत चुनाव नहीं होंगे। ऐसे में अब कैंट विधानसभा हलके के एक दर्जन गांवों को नगर निगम में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है।

एसटीपी मोनिका आनंद ने बताया कि कैंट इलाके के खाबड़ां, अलीपुर, फोल्ड़ीवाल, सुभाना, चीड़ां, संसारपुर, अलादीन पुर, खुसरोपुर, सोफी, दीपनगर, रहमानपुर और नंगल करारखां गांवों को नगर निगम के अंतर्गत लाने के मामले में पेश की गईं सभी आपत्तियों को दूर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपत्तियों को सुलझा दिया गया था। इसके बाद नगर निगम प्रशासन की ओर से इन गांवों को निगम की हद में लाने की सहमति के साथ फाइल स्थानीय निकाय विभाग के सचिव को भेज दी गई है। गौरतलब है कि इन गांवों को नगर निगम में शामिल करने की प्रक्रिया विधानसभा चुनाव से पहले से ही शुरू हो गई थी। शहर की नई वार्डबंदी के तहत इन गांवों को नए वार्डो में शामिल करने की भी तैयारी थी, लेकिन लोगों के एतराज के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका था। गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव हाउस में करीब 3 साल पहले ही पास कर लिया गया था। करतारपुर के चार गांवों मलको, तराड़, नंदनपुर और वडाला को भी नगर निगम लिमिट में शामिल करने की कोशिश थी, पर यह प्रस्ताव निगम में पास नहीं हुआ था। गांवों के विकास की रूपरेखा पर संशय

एक दर्जन गांवों को नगर निगम की हद में शामिल किए जाने का रास्ता तो साफ हो गया है, पर इन गांवों को मौजूदा 80 वार्डो में ही शामिल किया जाएगा अथवा इन गांवों के इलाकों से शहर के वार्डो की संख्या बढ़ेगी, यह तस्वीर फिलहाल साफ नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि जुलाई में पंचायत चुनाव होने हैं। पर निगम के सूत्रों के मुताबिक अप्रैल में ही इन गांवों को निगम के अंतर्गत लाने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। ऐसे में यहां पंचायत चुनाव नहीं होंगे, ऐसा तय माना जा रहा है। नगर निगम के भी हाल ही में चुनाव हुए हैं। ऐसे में इन वार्डो के विकास की रूपरेखा कैसे तय होगी, इस पर फिलहाल संशय बना हुआ है।

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