फूड एंड सप्लाई विभाग की गले की फांस बना सरकारी राशन घोटाला

दैनिक जागरण की ओर से सरकारी राशन घोटाला का राजफास किया था।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:08 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 10:08 PM (IST)
फूड एंड सप्लाई विभाग की गले की फांस बना सरकारी राशन घोटाला
फूड एंड सप्लाई विभाग की गले की फांस बना सरकारी राशन घोटाला

जागरण संवाददाता, होशियारपुर :

दैनिक जागरण की ओर से सरकारी राशन घोटाला का राजफाश किए जाने के बाद यह मामला फूड एंड सप्लाई विभाग के गले की फांस बन गया है। चूंकि इस गोरखधंधे में विभाग की कुछ काली भेंड़ें भी शामिल हैं, इसलिए सारा मामला दूध की तरफ साफ है कि मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर कई सालों तक राशन अलाट हुआ है, फिर भी जांच में जानबूझकर देरी करके मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कवायद की जा रही है। डिस्ट्रिक्ट फूड एंड सप्लाई कंट्रोलर रजनीश कौर ने फौरी तौर पर कार्रवाई करने की बजाय डिपो होल्डरों का सारा काला खेल सामने आने के बाद बैठक बुलाई और हिदायत दी कि मरे हुए व्यक्तियों, जिन लड़कियों की शादियां हो गई हैं या फिर जो लोग विदेश जा चुके हैं, उनके नाम लाभार्भी लिस्ट से कटवा दी जाएं। जबकि स्वयं सरकारी रिकार्ड में सब कुछ सामने है कि कुछ डिपो होल्डरों ने मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर सरकारी राशन अलाट अलाट करते रहे हैं। कानून तो न केवल ऐसे डिपो होल्डरों के लाइसेंस रद किए जाने चाहिए, उनके खिलाफ धोखाधड़ी का भी मामला दर्ज करवाया जाना चाहिए। और तो और इस सारे खेल में भागीदार विभागीय मुलाजिमों को भी नहीं बख्शा जाना चाहिए। क्योंकि मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर राशन अलाट करके सरकारी खजाने को जबरदस्त चूना लगाने का काम किया गया है।

15 दिन पहले हो चुका है पर्दाफाश

पंद्रह दिन पहले दैनिक जागरण ने राशन घोटाले का राजफाश किया था। करीबन पंद्रह परिवारों का हवाला देकर बताया था कि मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर कुछ डिपो होल्डर कई सालों से राशन अलाट करवाकर अपनी दुकानदारी चमका रहे हैं। इससे सरकारी तंत्र में खलबली मच गई थी। इस खबर का संज्ञान लेते हुए कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने डीसी अपनीत रियात को जांच करवाने की हिदायत दी थी। डीसी ने डीएफएससी रजनीश कौर को दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए कहा था। रजनीश कौर ने एएफएसओ अमन गौतम के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की थी। लीपापोती वाला रवैया अपनाया जा रहा

पूरा मामला स्पष्ट होने के बाद जांच टीम डिपो होल्डरों पर कार्रवाई की सिफारिश करने की बजाय जान बूझकर लीपापोती वाला रवैया अपना रही है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि कुछ परिवारों ने एएफएसओ अमन गौतम के सामने भी बयान दिया था कि मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर राशन अलाट हो रहा है और उसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है। फिर, विभाग लचीला रवैया तो यही इशारा करता है कि यह सारा खेल मिलीभगत से चल रहा था। वर्ना विभागीय अधिकारी अब तक सारी पिक्चर क्लीयर करके बनती कार्रवाई की सिफारिश कर देते। कुल मिलाकर सरकारी राशन घोटाला फूड एंड सप्लाई विभाग के गले की फांस बन गया है। हालत यह हो गई है कि न तो उससे निगलता जा रहा है और न ही उगला जा रहा है। बात करने पर रजनीश कौर ने कहा कि जांच की जा रही है। जल्द ही कार्रवाई होगी।

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