भगवान शिव के छह नाम हैं बड़े कल्याणकारी

दातारपुर उदासीन आश्रम ढाडे कटवाल में महंत राम दास ने सावन में शिव पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि देवों के देव महादेव के जितने नाम हैं उतने ही रूप हैं ।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 01 Aug 2020 02:02 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2020 02:02 PM (IST)
भगवान शिव के छह नाम हैं बड़े कल्याणकारी
भगवान शिव के छह नाम हैं बड़े कल्याणकारी

संवाद सहयोगी, दातारपुर: उदासीन आश्रम ढाडे कटवाल में महंत राम दास ने सावन में शिव पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि देवों के देव महादेव के जितने नाम हैं, उतने ही रूप हैं । हर रूप से नया वरदान मिलता है, क्योंकि भोलेनाथ के हर रूप के पीछे एक कहानी है। उन्होंने कहा शिव का पहलेरूप से जुड़ी सृष्टि के निर्माण की कहानी है। शिव जी का पहला रूप महादेव है। सभी देवी देवताओं के सृजनकर्ता होने से शिव को महादेव कहते हैं। महादेव रूप की उपासना से सभी देवी देवताओं की पूजा का फल मिलता है। सोमवार को महादेव रूप की उपासना से हर ग्रह नियंत्रित रहता है। शिव जी का दूसरा रूप आशुतोष है। शिव के बहुत जल्दी प्रसन्न होने के कारण उन्हें आशुतोष कहा जाता है। शिव के आशुतोष रूप की उपासना से तनाव दूर होता है।

शिव जी का तीसरा रूप रूद्र है। उन्होंने कहा शिव में संहार की शक्ति होने से उनका एक नाम रूद्र भी है। उग्र रूप में शिव की उपासना रूद्र के रूप में की जाती है। शिव जी का चौथा रूप नीलकंठ है। उन्होंने कहा कि संसार की रक्षा के लिए शिव ने समुद्र मंथन से निकला हलाहल विष पिया और हलाहल विष पीने से शिव जी का कंठ नीला हो गया । इसलिए शिव जी के इस रूप को नीलकंठ कहा जाता है। शिव जी का पांचवां रूप मृत्युंजय है। शिव के मृत्युंजय रूप की उपासना से मृत्यु को भी मात दी जा सकती है। मृत्युंजय रूप में शिव अमृत का कलश लेकर भक्तों की रक्षा करते हैं। मृत्युंजय की पूजा से आयु रक्षा और सेहत का लाभ मिलता है। शिव जी का छठा रूप गौरीशंकर है। उन्होंने कहा मां गौरी और शिव का संयुक्त रूप है गौरीशंकर स्वरूप । इस स्वरूप की उपासना से शीघ्र विवाह होता है। गौरीशंकर स्वरूप में शिव दांपत्य जीवन को सुखी बनाते हैं। सोमवार को शिवलिग पर पंचामृत चढ़ाने से गौरीशंकर प्रसन्न होते हैं।

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