माया में उलझा हुआ है इंसान : महंत रमेश दास

संवाद सहयोगी दातारपुर बाबा लाल दयाल आश्रम दातारपुर में संक्रांति पर्व के अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को ज्ञान का उपदेश देते हुए महंत रामेश दास ने कहा इंसान माया जाल में उलझा हुआ है। ईश्वर को भूलता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Oct 2020 03:26 PM (IST) Updated:Sat, 17 Oct 2020 03:26 PM (IST)
माया में उलझा हुआ है इंसान : महंत रमेश दास
माया में उलझा हुआ है इंसान : महंत रमेश दास

संवाद सहयोगी, दातारपुर

बाबा लाल दयाल आश्रम दातारपुर में संक्रांति पर्व के अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को ज्ञान का उपदेश देते हुए महंत रामेश दास ने कहा इंसान माया जाल में उलझा हुआ है। ईश्वर को भूलता जा रहा है। अपने कर्मों का भाग्य विधाता इंसान खुद ही है। आत्मा का परमात्मा से मिलन का मार्ग स्वयं ही तय करना पड़ेगा और सच में यही तो सब से जरूरी काम है। लेकिन मोहमाया के चक्र में जीव अपना सही काम भूल जाता है।

उन्होंने कहा मनुष्य अहंकार करता है कि वह ज्ञानी है, पढ़ा लिखा है, समर्थ है, बस यही भूल जाता है कि परलोक मार्ग में यह सबकुछ जाने वाला नहीं। वहां जाएंगे सतकर्म, नेकी, धर्मपूर्वक किया हुआ आचरण। अभिमान छोड़कर प्रभु के सामने समर्पण करना पड़ेगा। मोहमाया, धन, संपत्ति, पत्नी, पुत्र, कोठी, कार सब संसार में ही छूटने वाला है। ईश्वर का चितन भजन और सत्कर्म ही जीव का इहलोक और परलोक में सच्चा सहायक है। इस अवसर पर सुदर्शन, जयशंकर, गोपाल शर्मा, तरसेम, अशोक गुलाटी, भोली देवी, जनक राज, शिव कुमार, शाम लाल, नरेश कुमार, सुखदेव, किशन मौजूद थे।

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