लोहड़ी के एक दिन पहले बाजारों में खूब रही रौनक, मूंगफली, रेवड़ी व गज्जक की हुई बिक्री

लोहड़ी का त्योहार नया साल शुरू होते ही 13 जनवरी को मनाया जाता है। इस पर्व के आने पर दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। मंगलवार को दातारपुर हाजीपुर कमाही देवी के बाजारों में खासी रौनक रही।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 04:56 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 05:43 AM (IST)
लोहड़ी के एक दिन पहले बाजारों में खूब रही रौनक, मूंगफली, रेवड़ी व गज्जक की हुई बिक्री
लोहड़ी के एक दिन पहले बाजारों में खूब रही रौनक, मूंगफली, रेवड़ी व गज्जक की हुई बिक्री

सरोज बाला, दातारपुर

लोहड़ी का त्योहार नया साल शुरू होते ही 13 जनवरी को मनाया जाता है। इस पर्व के आने पर दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। मंगलवार को दातारपुर, हाजीपुर, कमाही देवी के बाजारों में खासी रौनक रही। लोग रेवड़ी, मूंगफली व गज्जक की खरीदारी में जुटे रहे। कुछ संस्थाओं ने पूर्व संध्या पर उत्सव मनाकर खुशी का इजहार किया। मूंगफली विक्रेता ब्रिजमोहन व कपिल कहते हैं कि इस बार राजस्थान की दानेदार मूंगफली की काफी मांग है। इसकी कीमत सौ रुपये प्रति किलोग्राम है जबकि और बढि़या मूंगफली के दाम डेढ़ सौ रुपये प्रति किलोग्राम हैं। अधिकांश लोगों को भुनी हुई मूंगफली पसंद आ रही है। कुछ लोगों ने सगे संबंधियों व दोस्तों में बांटने के लिए कई तरह के उपहार भी खरीदे हैं। कंडी के लोगों में उत्साह इस कदर है कि कई मोहल्लों में लोहड़ी सेलिब्रेशन के लिए टेंट लगाए गए हैं। लोहड़ी पर लोग आग के इर्द गिर्द पंजाबी लोकगीतों पर भांगड़ा डालते हैं और पारंपरिक गीत गाते हैं।

पहली शादी व किलकारी पर खुशी दोगुनी

वहीं जिन परिवारों में नई शादी हुई है या जिनके घर में बच्चे की पहली लोहड़ी है। वहां पर उत्सव धूमधाम के साथ मनाने की तैयारी की गई है। देपुर, दातारपुर, कमाही देवी, बह लखन, घगवाल, बह नंगल सहित कई जगहों पर घरों के अलावा खुले में भी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। दिनकर पराशर, रजत शर्मा, मुकेश ने बताया, बुधवार शाम को सारे लोग मोहल्ले में एक जगह एकत्रित होंगे व एक दूसरे को बधाई देंगे। सामूहिक रूप से उत्सव मनाया जाएगा। आपसी एकजुटता के लिए ऐसे त्योहार मिलजुल कर ही मनाते हैं।

आसमान में पतंगों में छिड़ी लड़ाई

पतंगबाजी का शौक तो कंडी के युवाओं के सिर चढ़कर बोलता है। बात जब लोहड़ी की हो तो हवा में पतंग और डोर के बीच जंग छिड़ जाती है। दातारपुर, करोड़ा, दमवाल, बह चुहड़, नौशहरा, दलवाली सहित अन्य गांवों में आसमान में रंग बिरंगी पतंगें हिचकोले खा रही हैं। पहले तो दातारपुर में ही गोपाल व अमरनाथ आदि लोग पतंग बनाकर बेचते थे, पर अब बाहर से लाकर बेचते हैं। दातारपुर में पांच दुकानों में पतंगें उपलब्ध है।

डै्रगन डोर फिर मचा सकती शोर

रजत, नीरज, अखिलेश, गौरव ने चाइनीज डोर से पतंगबाजी से तौबा की है। दुकानदार अजय कुमार कहते हैं कि देसी माझे से निर्मित भारतीय डोर बहुत मजबूत है। यह चाइनीज डोर को भी मात देती है और इससे बड़ी पतंग आसानी से उड़ाई जा सकती है। राकेश, बिडा, अरुण, ईशान ने कहा, ड्रैगन डोर के प्रति युवाओं का आकर्षण खत्म नहीं हो रहा। वैसे तो चाइनीज डोर प्रतिबंधित है, पर दुकानदार ब्लैक में इसकी बिक्री कर रहे हैं। इसके कारण परंपरागत डोर बेचने वाले दुकानदार हताश दिख रहे हैं। दुकानदार राधेशाम का कहना है कि प्रशासन यदि सख्ती नहीं कर सकता तो सिर्फ आदेश लागू करके खानापूर्ति क्यों कर रहा है।

खुशियां के सामने सस्ती महंगाई

गृहणियों चित्रा, सरोज, नीलम, सुधा, सरिता ने कहा, हालांकि इस वर्ष लोहड़ी से संबंधित सामान के दाम में कुछ उछाल आया है, पर एक दिन पहले जमकर खरीदारी कर ली है। भड़भूजियां जो दातारपुर, हाजीपुर, कमाहीदेवी, तलवाड़ा आदि जगह पर डेरा जमाए बैठे हैं कि भुनी हुई मूंगफली की खासी बिक्री हुई है। मुकेशी लाल, बिल्ला व भुनो ने कहा कि इस बार काफी अच्छी बिक्री हुई है।

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