मुकेरियां हाइडल नहर को मरम्मत की दरकार

सरोज बाला, दातारपुर : पौंग बांध से डिस्चार्ज होने के बाद शाह नहर बैराज से निकली 35 किलोम

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Feb 2017 03:00 AM (IST) Updated:Tue, 28 Feb 2017 03:00 AM (IST)
मुकेरियां हाइडल नहर को मरम्मत की दरकार
मुकेरियां हाइडल नहर को मरम्मत की दरकार

सरोज बाला, दातारपुर : पौंग बांध से डिस्चार्ज होने के बाद शाह नहर बैराज से निकली 35 किलोमीटर लंबी नहर का नाम है मुकेरियां हाइडल नहर। राष्ट्र की समृद्धि में योगदान देने वाली इस बड़ी नहर में 11500 क्यूसिक पानी का बहाव है। इस पर भोडे दा खूह, हाजीपुर, रैल्ली और ऊँची बस्सी में कुल चार बिजलीघर हैं, जो कुल 207 मेगावाट बिजली उत्पादित करते हैं। इसके दोनों किनारों की सैकड़ों स्लैबें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं। उन्हें मरम्मत की सख्त जरूरत हैं परंतु विभाग के कानों पर जूं तक नही रेंग रही। दो साल पूर्व एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा राशि से स्लैबों की मरम्मत करवाई गई थी। पहले 400 स्लैबों और बाद में 300 अतिरिक्त स्लैबों की मरम्मत की गई पर अभी भी सैकड़ों स्लैबें क्षतिग्रस्त हैं। गाँव निक्कुचक्क के पास दो सौ से भी ज्यादा स्लैबें टूटी हुई हैं और यह वही जगह है जहां कुछ साल पहले नहर टूटी भी थीं और करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। रेपुर हार के पुल के पास दगन के पास और कई अन्य जगहों पर स्लैबें टूटी हैं। निक्कुचक के पास कुछ साल पहले यह नहर टूटी भी थी और करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था।

उद्गम स्थान का ही बुरा हाल

नहर के उद्गम स्थान शाह नहर बैराज के पास भी नहर का किनारा बुरी तरह धंस चुका है और यह जगह नहर के कंट्रोल रूम से मात्र 100 मीटर दूर है और कंट्रोल रूम से हर वक्त दिखाई देता है पर इस की मरम्मत की चिता विभाग को नही है। इस बारे विभाग के एक्सईएन के ¨सह से बात की तो उन्होंने कहा कि नहर में भारी बहाव है और चार बिजलीघर हैं।

नहर क्षतिग्रस्त पर संचालन में कोई समस्या नहीं

एक्सईएन के ¨सह का कहना है कि नहर की मरम्मत हो पर बाकायदा टेंडर होने और बिजली की मांग घटने पर ही सरकार उच्च स्तरीय निर्णय लेकर ही नहर को बंद करने के आदेश देती है तभी क्षतिग्रस्त स्लैबों की मरम्मत होगी। उन्होंने कहा कि स्लैबें जरूर क्षतिग्रस्त हैं पर नहर के संचालन में कोई समस्या नही है और न ही कोई तात्कालिक खतरा।

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