तर्कसंगत नहीं रूस में मंदिर तोड़ना : अग्रवाल
जागरण प्रतिनिधि, होशियारपुर : रूस में एक हिन्दू मंदिर को तोड़ने संबंधी अदालत का फैसला बिल्कुल गलत है, अदालत को यह फैसला सुनाने से पहले करोड़ों लोगों की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए था, अदालत का फैसला तर्कसंगत नहीं है। इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने की जरूरत है। उक्त बात सिटी हार्ट वेलफेयर सोसायटी के चेयरमैन रविंदर अग्रवाल व प्रधान ठाकुर मक्खन सिंह ने मंगलवार को जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले पर रूस सरकार को दखल देकर मामला हल करवाने की पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि हर बार हिन्दुओं व उनके मंदिरों को विदेशों में निशाना बनाया जाता है तथा भारत सरकार चुप रहती है। जबकि दूसरे समुदायों के साथ होने वाली किसी भी घटना को हल करने के लिए जमीन आसमान एक कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि हिंदुओं व उनके धार्मिक स्थानों की रक्षा हिंदुस्तान की सरकार नहीं करेगी तो कौन करेगा। रूस की अदालत ने सबसे बड़े सांस्कृतिक वैदिक केन्द्र को कैंप से हटाने तथा उसमें बने मंदिर को तोड़ने का आदेश देकर करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं को आहत किया गया है। रूस को भारत का सच्चा साथी होने का प्रमाण देते हुए अदालती फरमान को रद्द करना चाहिए, ताकि वहां रहने वाले व भारतीयों की भावनाओं का सम्मान किया जा सके।
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