34-39) खूब सता रहा टूटी सड़कों पर बरसाती पानी

By Edited By: Publish:Fri, 05 Sep 2014 04:57 PM (IST) Updated:Fri, 05 Sep 2014 04:57 PM (IST)
34-39) खूब सता रहा टूटी सड़कों पर बरसाती पानी

रजनीश गुलियानी, होशियारपुर

होशियारपुर का दर्जा नगर निगम का है, मगर यहां की सड़कों की हालत गांवों की लिंक सड़कों से भी बदतर है। हल्की सी बारिश में सड़कें गंदे पानी से जख्म देना शुरू कर देती हैं। वीरवार को बारिश होने से टूटी सड़कों पर गंदा पानी जमा हो गया था और लोग वहां से निकलने वाले लोग छींटों का दंश झेलने पर विवश थे। दैनिक जागरण द्वारा शहर की तमाम सड़कों का दौरा किया गया। बस स्टैड रोड, जालंधर रोड, अफगान रोड, फगवाड़ा रोड पर पड़े बड़े-बड़े गढ्डों में पानी का जमावड़ा देखने को मिला। सड़कों की बजरी उखड़ जाने से गढ्डों कीचड़ व गंदा बरसाती पानी राहगीरों को मुंह चिढ़ाता हुआ नजर आता है।

बस स्टैंड रोड पर गढ्डों में जमा पानी के कारण बस स्टैड के भीतर जाने वाले मुसाफिरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अफगान रोड व जालंधर रोड के दुकानदारों के दुकान दारों संतोख सिंह, जतिंदर सिंह, अमरीक सिंह, जौनी, जुगल किशोर, मुलख राज, दविंदर, लककी, राजन, मीता, राजपाल लोहिया, संजीव कुमार आदि का कहना है कि नगर निगम सड़कों पर पैच वर्क करवाने की बजाए मिट्टी डाल कर खानापूर्ति कर देता है। जरा सी बारिश होने पर मिटटी पानी के साथ वह कर कीचड़ के रुप में उनकी दुकानों के बाहर इकठ्ठी हो जाती है व बारिश के बाद इन गड्ढों में पानी भर जाता है। जब भी कोई वाहन गुजरता है तो यही पानी उछल कर उनकी दुकानों में आ जाता है। जिससे उनके सामान की भी खराबी होती है। दूसरा पैदल चलने वाले राहगीरों को भी खासी मुसीबत होती है। उनका कहना है कि ठेकेदारों द्वारा शहर में सड़कें बनाते वकत गुणवता का ख्याल नही किया जाता। जिससे सड़क बनने के कुछ समय बाद ही उखड़नी शुरू हो जाती है। वहीं टोल वाली सड़कें काफी लंबे समय तक टिकी रहती है। क्योंकि सड़क के रख रखाव की जिम्मेवारी उनकी ही होती है।

आखिर नगर निगम द्वारा हल्का मेटीरियल इस्तेमाल करने वाले ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई क्यों नही की जाती। नगर निगम अधिकारियों को चाहिए कि सड़क बनाते वक्त मौके पर जा कर इस्तेमाल किए जाने वाले मेटीरियल की गुणवत्ता चेक करें। घटिया मेटीरियल इस्तेमाल करने वाले

ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट कर उनके लाइसेंस रद्द किए जाने चाहिए। वहीं दूसरा टेडर भरते वक्त एक समय सीमा तय की जानी चाहिए कि उस तय सीमा के अंदर जितनी बार भी सड़क टूटेगी उतनी बार उसी ठेकेदार उसकी मरम्मत का जिम्मेदार होगा। ऐसा करने से ठेकेदार सड़क बनाते समय हल्का मेटीरियल प्रयोग करने से गुरेज करेगा।

मौसम ठीक होने पर करवाएंगे पैचवर्क : एडीओ

इस संबंध में नगर निगम के एसडीओ हरप्रीत सिंह से बात की गई तो उन्होने कहा कि मौसम के ठीक होने के बाद टूटी सड़कों पर पैच वर्क करावा दिया जाएगा।

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