पंजाब में कौन चला रहा सरकार, मुख्यमंत्री तो सिर्फ नाम के : सुखबीर

पंजाब में पता नहीं चल रहा कि सरकार कौन चला रहा है। चीफमिनिस्टर सिर्फ नाम के ही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 04:59 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 05:27 PM (IST)
पंजाब में कौन चला रहा सरकार,  मुख्यमंत्री तो सिर्फ नाम के : सुखबीर
पंजाब में कौन चला रहा सरकार, मुख्यमंत्री तो सिर्फ नाम के : सुखबीर

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर :

पंजाब में पता नहीं चल रहा कि सरकार कौन चला रहा है। मुख्यमंत्री केवल नाम का है, उसके पास कोई पावर नहीं है। कांग्रेस में कई मिसलें (ग्रुप) बन गए हैं। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी बिना सोचे-समझे कई बड़ी घोषणाएं कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई पैसा नहीं दिया। उक्त आरोप शिरोमणि अकाली दल बादल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने 'गल्ल पंजाब दी कार्यक्रम' के तहत गुरदासपुर में जिला प्रधान गुरबचन सिंह बब्बेहाली के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए लगाए।

सुखबीर बादल ने कहा कि साढ़े चार साल से पंजाब में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। सभी पंजाब को लूटने में लगे हुए हैं। अब सरकार में हुए बदलाव के बाद हालात और भी बदतर हो गए हैं। पता नहीं चल रहा कि पंजाब में सरकार कौन चला रहा है। मुख्यमंत्री के पास कई भी पावर नहीं है। पंजाब में मिसलें बन गई है। जिसमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की मिसल, सुखजिदर सिंह रंधावा की मिसलें, तृप्त बाजवा की मिसल, प्रताप सिंह बाजवा की मिसल, सुनील जाखड़ की मिसल बन गई हैं। सभी अपने अपने विभागों में पैसा एकत्र करने में लगे हुए हैं। पार्टी द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश प्रधान बनाया गया है, लेकिन कोई उसे प्रधान मानने को तैयार नहीं है। ऐसी स्थिति पंजाब के लिए बहुत खतरनाक है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी बिना सोचे समझे लगातार बड़ी बड़ी घोषणाएं करते जा रहे हैं, लेकिन न तो उनके नोटिफिकेशन हो रहे हैं और न ही पैसे दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले कैप्टन अमरिदर सिंह ने झूठी कस्में खाकर लोगों को गुमराह किया। अब चरणजीत सिंह चन्नी झूठे वादे और घोषणाएं कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

बादल ने कहा कि पंजाब के कई जिलों में भारी ओलावृष्टि हुई है, जिससे फसलों का भारी नुकसान हुआ है। पंजाब सरकार को किसानों को तुरंत राहत देते हुए ग्रांट जारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नरमें की सुंडी से हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हुई है, लेकिन उनको एक रुपया मुआवजा नहीं दिया गया।

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