रावी दरिया में जलस्तर बढ़ा, दो माह में आठ बार बहा पैंटून पुल

मकौड़ा पत्तन के रावी दरिया पर रंजीत सागर डैम की तरफ से पानी छोड़ दिए जाने के चलते दरिया में जलस्तर बढ़ गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Apr 2020 11:10 PM (IST) Updated:Sun, 26 Apr 2020 06:07 AM (IST)
रावी दरिया में जलस्तर बढ़ा, दो माह में आठ बार बहा पैंटून पुल
रावी दरिया में जलस्तर बढ़ा, दो माह में आठ बार बहा पैंटून पुल

शमशेर मिन्हास, बहरामपुर : मकौड़ा पत्तन के रावी दरिया पर रंजीत सागर डैम की तरफ से पानी छोड़ दिए जाने के चलते दरिया में जलस्तर बढ़ गया। इसके चलते पिछले दो महीनों में आठवीं बार 400 फीट लंबा पैंटून पुल पर बनाया गया रैंप पानी के तेज बहाव में बह गया। इस वजह से यहां दरिया पार बसे सात गांवों का शहर से सीधा संपर्क टूट गया। वहीं दरिया पार रहते किसानों के लिए रैंप का बह जाना एक नई मुसीबत लेकर आया है। रैंप के पानी में बह जाने से अब किसान दरिया पार करके कैसे गेहूं बहरामपुर में मंडियों में कैसे लेकर आ पाएंगे।

किसान जोगिदर सिंह, हरदेव सिंह, बलकार सिंह, हरनेक ंसिह ने बताया कि पहले भी सात बार लगातार पानी के तेज बहाव में पैंटून पुल पर बना रैंप बह गया था। हर बार उनकी खुद की तरफ से अपने पैसों पर रैंप को बनाया जाता है। प्रशासन द्वारा हर बार ब्यानबाजी ही की जा रही है। लेकिन रैंप नहीं बनाया जाता। वहीं चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियां भी उनके दरबार पर वोट मांगने के लिए झट से पहुंच जाती हैं। लेकिन पक्का पुल बनाने की तरफ किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। हर बार आश्वासन देकर उनसे वोट बटौर लिए जाते हैं। अब रैंप के बह जाने के कारण उनकी गेहूं की फसल की कटाई यहां प्रभावित हो गई है।

सात गांवों का संपर्क भी टूटा-

दरिया पार बसे गांव मम्मी चकरंजा, भरियाल, कुक्कर, तूर, चेबे, झूंबर, लसियान का शहर से सीधा संपर्क टूट गया है। वैसे तो क‌र्फ्यू के चलते किसी को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। लेकिन जरूरी काम के लिए कई बार उक्त गांवों के लोगों को दरिया पार करके बहरामपुर में आना पड़ता था। जैसे दवाई, खाद सामग्री लेने के लिए बहरामपुर में आ रहे थे। अब इन लोगों के लिए भी एक परेशानी बन गई है।

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