कलयुग है..इस कौशल्या के बेटे निकले कंस

सतयुग में माता कौशल्या के बेटे थे श्रीराम जो मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 07:30 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 07:30 AM (IST)
कलयुग है..इस कौशल्या के बेटे निकले कंस
कलयुग है..इस कौशल्या के बेटे निकले कंस

संजय तिवारी, बटाला

सतयुग में माता कौशल्या के बेटे थे श्रीराम, जो मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। उनके लिए माता-पिता की आज्ञा सर्वोपरि थी। अब हम आपको कलयुग की माता कौशल्या की कहानी सुना रहे हैं, जिनके बेटों ने पति की मौत के बाद उनको घर से ही निकाल दिया। इसके बाद दूसरों के घर काम करके बुजुर्ग महिला कौशल्या अपना जीवन चला रही थी, लेकिन कोरोना में काम छूट गया। पैसे नहीं देने पर किरायेदार ने घर से भी निकाल दिया। अब एक माह से कौशल्या देवी एक खाली प्लाट में बिना छत के रह रही है।

शहर के राम नगर के एक खाली प्लाट में रह रही कौशल्या के दो बेटे हैं, लेकिन दोनों अलग अपने परिवारों के साथ रहते हैं। कुछ माह पहले पूरा परिवार एक साथ ही रहता था। लेकिन कुछ माह पहले कौशल्या देवी के पति का निधन हो गया। इसके बाद दोनों बेटों में से कोई भी बुजुर्ग मां को अपने साथ रखने को तैयार नहीं है और उन्हें घर से निकाल दिया। इसके बाद कौशल्या देवी किराये पर एक घर में रहने लगी और आसपास के लोगों के घरों में काम करने लगी। लेकिन कोरोना महामारी के कारण लोगों ने उनसे काम करवाने से इंकार कर दिया। काम ठप होने से वे किराया नहीं दे पा रही थी। इसके बाद मकान मालिक ने उन्हें घर से निकाल दिया। अब लगभग एक माह से वे खाली प्लाट में रह रही है। गुरुद्वारा कंध साहिब से सुबह-शाम लाती हैं लंगर

कौशल्या देवी ने बताया कि वे रोज श्री गुरुद्वारा कंध साहिब से सुबह-शाम लंगर लाकर अपना व सात साल के पोते का पेट भरती है। कोरोना महामारी में काम नहीं मिल रहा है। उनके पास न राशन है न चूल्हा। पोता को भी रखती हैं साथ

कौशल्या देवी ने बताया कि उनके पति की मौत हो चुकी है। दो बेटे हैं, जो शादीशुदा हैं। दोनों शराब पीते हैं और अलग रहते हैं। पति की मौत के बाद बेटों ने उनको अपने साथ रखने से इंकार कर दिया। छोटे बेटे की पत्नी उसे छोड़कर अपने मायके चली गई है। उसका एक छोटा बेटा है, जिसे वह पाल रही है। वह और उनका पोता इस खाली प्लाट की जमीन पर सोते हैं। 5

किसी फरिश्ते का कर रही हूं इंतजार

बुजुर्ग महिला ने कहा कि वे किसी फरिश्ते का इंतजार कर रही हैं। शायद सिर छुपाने के लिए कोई उनको जगह दे दे। सरकार की ओर से पेंशन मिलने की बात पर उन्होंने कहा कि न तो उनको पेंशन मिलती है और उनका न ही राशन कार्ड ही बना है।

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