निजी स्कूल प्रबंधकों की लूट से परेशान हैं अभिभावक

इस बार के होने वाले विधानसभा चुनाव में पैरेंट्स एसोसिएशन के सदस्य उस शख्स को वोट करना चाहते हैं जो स्कूल मैनेजमेंट को लेकर कड़े कदम उठाए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Jan 2022 06:00 PM (IST) Updated:Wed, 26 Jan 2022 06:00 PM (IST)
निजी स्कूल प्रबंधकों की लूट से परेशान हैं अभिभावक
निजी स्कूल प्रबंधकों की लूट से परेशान हैं अभिभावक

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : इस बार के होने वाले विधानसभा चुनाव में पैरेंट्स एसोसिएशन के सदस्य उस शख्स को वोट करना चाहते हैं, जो स्कूल मैनेजमेंट को लेकर कड़े कदम उठाए। कोरोना महामारी के दौरान अधिकतर स्कूल प्रबंधकों ने पंजाब सरकार को शिकायतें दर्ज करवाई थीं कि उनके पास आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण पैसे की कमी है। यह मुद्दा माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के साथ-साथ माननीय सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया था। हालांकि इसके बाद सरकारों ने कोर्ट के फैसले को लागू करते हुए अभिभावकों को स्कूल प्रबंधकों को फीस देने की बात कही गई थी। इसके चलते अभिभावकों में सरकारों के इस फैसले को लेकर रोष था। उधर आनलाइन एजुकेशन की दुहाई देकर लोगों से पैसे वसूलने वाले निजी स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ अभिभावकों का गुस्सा अक्सर देखने को मिलता है। इस बार के होने वाले चुनाव में अभिभावकों ने यह फैसला लिया है कि उस शख्स को ही वोट दिया जाएगा, जो निजी स्कूलों की लूट को रोक सके।

गुरदासपुर पैरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों की बैठक इसी सप्ताह किसी भी दिन हो सकती है। एसोसिएशन के सदस्य सुनंदन शर्मा, रमेश कुमार, रंजन कुमार, संजीव महाजन आदि लोगों ने बताया कि किसको विधायक चुनना है इस बात का फैसला पैरेंट्स एसोसिएशन की ओर से तय की जाने वाली बैठक में लिया जाएगा। राइट टू एजुकेशन एक्ट को नहीं करवाया गया लागू

राइट टू एजुकेशन एक्ट को सरकारों की ओर से सख्ती से लागू नहीं करवाया गया है। इसके चलते अभिभावक मोटी फिर से देखकर अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हैं। हालांकि सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी होने के कारण लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों के बजाए प्राइवेट स्कूलों में अधिक दाखिल करवाते हैं। चुनाव में रहेगा यह मुद्दा

उधर, ट्रांसपोर्टेशन, बार-बार यूनिफार्म में तब्दीली, मनमानी किताबें व मेंटेनेंस चार्ज के रूप में अभिभावकों से वसूले जाने वाले पैसों को लेकर अभिभावकों में भारी रोष देखने को मिला है। हालांकि गुरदासपुर जिले के एक निजी स्कूल के खिलाफ पैरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने सरेआम मोर्चा भी खोल दिया था, लेकिन इसमें किसी भी राजनीतिक पार्टी ने एसोसिएशन का साथ नहीं दिया।

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