करतापुर दर्शनी स्थल पर बढ़जा जा रहा श्रद्धालुओं का सैलाब

प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के मौके पर यहां डेरा बाबा नानक की राष्ट्रीय सीमा से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब पाकिस्तान के खुले दर्शन करने के लिए बिना वीजा आठ नवंबर से करतारपुर रास्ता खोला जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 07:42 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 06:23 AM (IST)
करतापुर दर्शनी स्थल पर बढ़जा जा रहा श्रद्धालुओं का सैलाब
करतापुर दर्शनी स्थल पर बढ़जा जा रहा श्रद्धालुओं का सैलाब

महिदर सिंह अर्लीभन्न, डेरा बाबा नानक

प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के मौके पर यहां डेरा बाबा नानक की राष्ट्रीय सीमा से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब पाकिस्तान के खुले दर्शन करने के लिए बिना वीजा आठ नवंबर से करतारपुर रास्ता खोला जा रहा है। दुनिया भर की नानक नाम लेवा संगत के लिए आकर्षण का केंद्र बने गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जी के दर्शन करने के लिए भारत-पाक राष्ट्रीय सीमा डेरा बाबा नानक पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। रोजाना करतारपुर दर्शनी स्थल पर नानक नाम लेवा श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता जा रहा है।

वीरवार को दैनिक जागरण ने भारत-पाक राष्ट्रीय सीमा डेरा बाबा नानक का दौरा किया तो देखा कि सैंकड़ों की तादाद में श्रद्धालु सीमा पर बीएसएफ द्वारा सीमा पर लगाई दूरबीन से पाकिस्तान की तरफ साफ दिखाई दे रहे गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन कर रहे थे। हरियाणा, दिल्ली, कोलकाता, जालंधर, बठिडा, मोगा, अमृतसर से आए जगदेव सिंह, सुमन बाला, प्रदीप रविपोदे, काकोली, जसविदर सिंह, हरदेव सिंह, राहुल खन्ना, जसदेव कुमार, बचित्र सिंह, जसकर्ण सिंह, अनिल अहूजा, विक्रम राठौर आदि गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जी के दर्शन करने के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओं ने बताया कि डेरा बाबा नानक की पवित्र धरती व भारत-पाक की राष्ट्रीय सीमा से पार करीब चार किलोमीटर दूरी पर स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब 1947 में भारत-पाक के बंटवारे के दौरान नानक नाम लेवा संगत से बिछड़ गई थी। इसके दर्शनों संबंधी प्रत्येक सिख खुले दर्शन की अरदास करता आ रहा है। गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 17 वर्ष 5 महीने 9 दिन गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब बताए थे। ज्योति जोत समाने से पहले भाई लहने को श्री गुरु अंगद देव जी बनाकर सिखों के दूसरे गुरु स्वरूप गुरुगद्दी श्री करतारपुर साहिब में सौंपी थी। भारत-पाक की राष्ट्रीय सीमा पर बने दर्शनी स्थल पर वह पिछले दस वर्ष में कई बार दूरबीन के जरिए करने आए हैं। श्रद्धालुओं ने कहा कि आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा करतारपुर रास्ते का उद्घाटन करने के बाद इस पवित्र धरती पर रोजाना हजारों श्रद्धालु नतमस्तक होंगे। जानकारी के मुताबिक भारत-पाक राष्ट्रीय सीमा पर बने दर्शनी स्थल को पिछले समय के दौरान लैंड पोर्ट ऑफ इंडिया द्वारा ध्वस्त कर दिया है। आने वाले दिनों में लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा आधुनिक सुविधाओं वाला व 60 फीट ऊंचा दर्शनी स्थल का निर्माण किया जा रहा है।

काबिलेजिक्र है कि सुरक्षा के मद्देनजर सुबह के समय सीमा पर दर्शन करने वाली संगत को छह बजे तक वापस लौटना पड़ता है। भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ की निगरानी में दर्शन करने आई संगत का कहना है कि उन्हें बीएसएफ द्वारा भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है। पहले दूरबीन से भी मुश्किल से होते थे दर्शन

इससे पहले पाकिस्तान की तरफ से पेड़, सरकंडा, जंगली बूटी आदि होने से दूरबीन के जरिए गुरुद्वारा साहिब जी के दर्शन बहुत मुश्किल व कम होते थे। कई बार धुंध व धूल मिट्टी होने से उन्हें दूरबीन के जरिए भी दर्शन नसीब नहीं होते। इस समय पाकिस्तान की तरफ सरकंडा, पेड़ों की कटाई व सफाई होने से दूरबीन से बिना ही गुरुद्वारा साहिब के दर्शन हो रहे हैं। इसके अलावा पाकिस्तान की तरफ से बनाए टर्मिनल व कॉरिडोर भी दिखाई देता है।

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