पावरकॉम ने जनता को लगाया दो हजार करोड़ का चूना
एलडीएच 1 -पांच वर्ष से हो रहा था गोलमाल -एटीईसी ने दिया बढ़ाए टैरिफ को वापस लेने का आदेश अशोक
एलडीएच 1
-पांच वर्ष से हो रहा था गोलमाल
-एटीईसी ने दिया बढ़ाए टैरिफ को वापस लेने का आदेश
अशोक धीमान, फतेहगढ़ साहिब
पावरकॉम ने आंकड़ों के खेल में रेगुलेटरी कमीशन की मोहर लगवाकर पंजाब की जनता को पांच वर्ष में लगभग दो हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब मंडी गो¨बदगढ़ के कुछ उद्यमियों ने पावरकॉम की ओर से बढ़ाए बिजली टैरिफ का विरोध करते हुए पहले तो पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिीसिटी रेगुलेटरी कमीशन और फिर एपीलेंट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिीसिटी कमीशन (एटीईसी) दिल्ली का दरवाजा खटखटाया।
एटीईसी दिल्ली ने अपने फैसले में पंजाब स्टेट रेगुलेटरी कमीशन को वर्ष 2010 की बैलेंसशीट की पुन: जांच की तथा बढ़ाए टैरिफ को वापस लेते हुए उपभोक्ताओं को आगामी बिलों में राहत देने का आदेश दिया है।
इस संदर्भ में रविवार को उद्योगपति सुभाष बांसल ने 'दैनिक जागरण' को बताया कि पावरकॉम ने 24 दिसंबर, 2012 को एक अधिसूचना जारी पावरकॉम की हिस्सेदारी को अचानक 2946.11 करोड़ (बीएसपीसीएल की 2617.61 करोड़ व पावरकॉम की 328.50 करोड़) से बढ़ा कर 6687.26 करोड़ दिखा दिया। इसमें पावरकॉम की हिस्सेदारी 6687.26 करोड़ को 16 अप्रैल 2010 से प्रभावी दिखा नया टैरिफ 16 अप्रैल, 2010 से बढ़ी बिजली यूनिट के रेट लागू करवा दिए। उन्होंने बताया कि जब पीएसपीसीएल की वर्ष 2010 की बेलेंसशीट सामने आई, तो इसके खिलाफ पंजाब स्टेट रेगुलेटरी कमीशन ने अपील दायर कर दी, क्योंकि रेगुलेशन 24 के तहत उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी तथा केश सब्सिडी व ग्रांट को पावरकॉम की हिस्सेदारी में शामिल नहीं किया जा सकता है। दो साल तक पंजाब स्टेट रेगुलेटरी कमीशन अपने फैसले पर अड़ा रहा। इसके बाद उन्होंने एटीईसी दिल्ली में अपील दायर कर दी। इस पर एटीईसी दिल्ली ने पावरकॉम की बैलेंसशीट को फिर से चेक करने के आदेश जारी कर बढ़े टैरिफ रेट की राशि आगामी बिजली बिलों में एडजस्ट करने के निर्देश दिए।
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40 उद्योग हुए बंद : दिनेश गुप्ता
उद्योगपति दिनेश गुप्ता ने बताया कि नए टैरिफ के आधार पर लगभग एक रुपया प्रति यूनिट बिजली बढ़े रेट पांच वर्ष के लिए लागू हो गए। जिसका बोझ आम आदमी सहित इंडस्ट्री को भी उठाना पड़ा। नए टैरिफ में बड़े बिजली यूनिट रेट से पंजाब की आम जनता को प्रति वर्ष सीधा 450 करोड़ रुपये का चूना लगना शुरू हो गया था। नतीजा यह हुआ कि मंडी गो¨बदगढ़ की लोहा इंडस्ट्री सहित प्रदेश की लगभग 40 इंडस्ट्री बंद हो गई। उन्होंने पावरकॉम के इस गोलमाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर इंडस्ट्री की तरफ से गलत बैलेंसशीट दे जाती है, तो आइटीओ को उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने की हिदायत है। अब इस मामले में सरकार गलत बैंलेंसशीट तैयार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, जिनके कारण पंजाब की आम जनता को पांच वर्ष तक बढ़े बिजली टैरिफ का खामियाजा झेलना पड़ा है।
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'एटीईसी दिल्ली के फैसले की कोई कापी नहीं मिली है। फैसले की कापी मिलने पर अगली कार्रवाई के लिए कानूनी राय ली जाएगी।'
चेयरमैन कम एमडी, पावरकॉम, केडी चौधरी।