बाढ़ का खतरा बरकरार, सेना व एनडीआरएफ की टीमें की गई तैनात

पहाड़ों पर हो रही मूसलधार बारिश व भाखड़ा डैम से सतलुज दरिया में छोड़े जा रहे पानी का ज्यादा प्रभाव फिरोजपुर जिले में अभी तक नहीं दिखाई पड़ा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Aug 2019 11:37 PM (IST) Updated:Mon, 19 Aug 2019 11:37 PM (IST)
बाढ़ का खतरा बरकरार, सेना व एनडीआरएफ की टीमें की गई तैनात
बाढ़ का खतरा बरकरार, सेना व एनडीआरएफ की टीमें की गई तैनात

प्रदीप कुमार सिंह, हुसैनीवाला बार्डर (फिरोजपुर) : पहाड़ों पर हो रही मूसलधार बारिश व भाखड़ा डैम से सतलुज दरिया में छोड़े जा रहे पानी का ज्यादा प्रभाव फिरोजपुर जिले में अभी तक नहीं दिखाई पड़ा है। हालांकि पीछे से आ रहे पानी को देखते हुए बाढ़ का खतरा अब भी बना हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा ऐहतियातन सेना की तीन टुकड़ियों व एनडीआरएफ की टीमों को तैनाती जिले के विभिन्न हिस्सों में कर दी गई है। बाढ़ जैसी स्थित से निपटने के लिए नहरी विभाग द्वारा हुसैनीवाला हेड से पाकिस्तान को दोपहर बाद चार बजे तक 41000 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। प्रशासन द्वारा ऐहतियातन दरिया से सटे 52 गांवों को खाली करने के आदेश दिए गए है, जिनके लिए जिले के विभिन्न हिस्सों में राहत कैंप बनाए गए है। हालांकि अब भी तक दरिया में बाढ़ जैसे हालात न उत्पन्न होने को देखते हुए ग्रामीणों द्वारा अपने घरों को खाली नहीं किया गया है। दरिया में बढ़ते जल स्तर का अभी तक सबसे ज्यादा प्रभाव हरिके हेड से सटे मक्खू व जीरा शहर के ग्रामीण हिस्सों में दिखाई दिया, जहां दरिया किनारे स्थित धान की फसल डूब गई है, और अब ऊपरी हिस्सों में तेजी से पानी फैल रहा है। मक्खू के हिस्से दरिया से सटे दस किलोमीटर के कच्चे बांध के कमजोर प्वाइंटों को ग्रामीणों ने स्वत: ही ट्रैक्टर से दुरूस्त करते हुए दिखाई पड़े।

सतलुज-सरहद के बीच स्थित हुसैनीवाला के आसपास के 17 गांवों के लोगों की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा विशेष प्रबंध किए जाने के दावे तो किए जा रहे है, परंतु दरिया के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीणों में बाढ़ का खौफ फिलहाल अभी नहीं दिखाई दे रहा है, परंतु दरिया के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए उन्हें दरिया उस पार अपने खेतों तक जाने और पशुओं के लिए हरे चारे की चिता जरूर दिखाई दे रही है। दो तरफ सरहद और तीन तरफ दरिया से घिर गांव कालूवाला निवासी जसविदर सिंह व सुखमंदर ने बताया कि उनके गांव के चारों ओर सतलुज का पानी तेजी से फैल रहा है, गांव के निचले हिस्सों में तीन से चार फुट तक पानी भर गया है, उक्त लोगों ने बताया कि सुरक्षा बलों व जिला प्रशासन द्वारा नाव के जरिए उन लोगों से लगातार संपर्क बनाया हुआ है।

हरिके हेड में लगातार बड़ी मात्रा में आ रहे पानी पर नहरी विभाग के एक्सईन संदीप गोयल ने बताया कि सोमवार दोपहर बाद हेड में पानी की आवक 159512 क्यूसिक थी, जबकि दोपहर बाद हरिके हेड से हुसैनीवाला हेड की ओर 148230 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। उन्होंने बताया कि अभी हालात पूरी तरह से कंट्रोल में है, बाढ़ जैसी कहीं कोई स्थित उत्पन्न नहीं हुई है।

सेना, एनडीआरएफ की टीमें की गई तैनात

मक्खू व जीरा के हिस्से में सतलुज दरिया के किनारे स्थित खेतों व गांवों की ओर तेजी से फैल रहे पानी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा मक्खू में आर्मी के तीन टुकड़ियों में 240 जवानों को तैनात किया गया है, जो कि की तैनाती मक्खू, जीरा व आसपास के इलाकों पर नजर रखेगी। जबकि एनडीआरएफ की टीमों को हुसैनीवाला से सटे 17 गांवों में राहत कार्यों के लिए तैनात किया गया है। हुसैनीवाला से सटे 17 गांवों अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।

बस्ती रामलाल के हिस्से में पानी ने लिया बीएसएफ की फैंसिग को भी लिया अपनी चपेट में-

बस्ती रामलाल के निचले हिस्सों में बीएसएफ की फैंसिग व पोस्टों को भी पानी ने अपनी चपेट में ले लिया है। पोस्टों के आसपास पानी भर जाने से बीएसएफ के जवानों ने मोटरवोट से गस्त बढ़ा दी है।बताया जा रहा है पानी भर जाने को देखते हुए बीएसएफ जवानों की पैदल पेट्रोलिग पार्टी को पीछे की ओर खिसकाया दिया गया है। फिरोजपुर बार्डर रेंज बीएसएफ के डीआईजी संदीप चानन ने बताया कि बीएसएफ जवानों द्वारा पूर्व की भांति सरहद की रखवाली की जा रही है, जिन हिस्सों में पानी ज्यादा हो गया है, वहां पर विशेष रूप से चौकसी बरती जा रही है।

जिला प्रशासन बारीकी से रखे हुए है निगाह : डीसी

डीसी चंद्र गैंद ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा संभावित बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है, करीब 52 गांव को खाली करवाया जा रहा है, जिसमें से काफी गांव खाली हो चुके हैं। खाली करवाए गए गांव के लोगों को राहत कैंपों तक पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि आर्मी की मदद से 240 जवानों वाली तीन टुकड़ियों और 12 मोटर बोट्स को हरीके से सटे मक्खू और जीरा क्षेत्र के लिए तैनात किया गया है। इसी तरह सिचाई विभाग व नहरी विभाग के अधिकारियों को रेत से भरी बोरियां तैयार रखने के लिए कहा गया है। उन्होंने सभी संभावित क्षेत्रों में रेत से भरी बोरियों की ट्रालियां तैयार रखने के निर्देश जारी किए हैं। डीसी ने बताया कि बाढ़ के मद्देनजर संवेदनशील घोषित गांव में धार्मिक स्थलों के जरिए घोषणा भी करवा दी गई है, जहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। इन घोषणाओं में संबंधित गांव के लिए तय किए गए रिलीफ कैंप के बारे में भी सूचना मुहैया करवा दी गई है। हरेक पांच से छह गांव के पीछे एक रिलीफ कैंप स्थापित किया गया है।

chat bot
आपका साथी