1965 से सरहद की रखवाली कर रही बीएसएफ

फिरोजपुर : भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा में सटी पंजाब की 553 किलोमीटर सीमा की रखवाली बीएसएफ की रही है। विश्व के सबसे बड़े सीमा रक्षक बल की स्थापना 1 दिसंबर, 1965 में हुई थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Dec 2018 10:51 PM (IST) Updated:Sun, 02 Dec 2018 10:51 PM (IST)
1965 से सरहद की रखवाली कर रही बीएसएफ
1965 से सरहद की रखवाली कर रही बीएसएफ

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा में सटी पंजाब की 553 किलोमीटर सीमा की रखवाली बीएसएफ की रही है। विश्व के सबसे बड़े सीमा रक्षक बल की स्थापना 1 दिसंबर, 1965 में हुई थी। इसकी जिम्मेदारी भारत की अंतरारष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना, भारत भूमि सीमा की रक्षा और अंतरारष्ट्रीय अपराध को रोकना है। इस समय बीएसएफ की 188 बटालियन है और यह 6,385.36 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है, जो कि समतल हिस्सों के साथ ही दुर्गम रेगिस्तानों, नदी-घाटियों और हिमाच्छादित प्रदेशों तक फैली है। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा बोध को विकसित करने की जिम्मेदारी भी बीएसएफ को दी गई है। सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे तस्करी, घुसपैठ और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने की जवाबदेही भी इस पर है।

1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, सीमा प्रबंधन प्रणाली व्यक्तिगत राज्य पुलिस बलों के हाथों में थी। यह सीमा खतरों से ठीक से निपटने में असमर्थ साबित हुई। इस घटना के बाद सरकार ने सीमा सुरक्षा बल को एक एकीकृत केंद्रीय एजेंसी के रूप में बनाया, जो भारत की अंतरारष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के विशिष्ट जनादेश के साथ था। भारतीय पुलिस सेवा से केएफ रुस्तम बीएसएफ के पहले महानिदेशक बनाए गए। 1965 तक पाकिस्तान के साथ भारत की सीमाएं राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन द्वारा बनाई गई थीं। पाकिस्तान ने 9 अप्रैल 1965 को कच्छ में सरदार पोस्ट, छार बेट और बेरिया बेट पर हमला किया। इसने सशस्त्र आक्रामकता से निपटने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस की अपर्याप्तता का खुलासा किया, जिसके कारण भारत सरकार ने विशेष रूप से नियंत्रित सीमा सुरक्षा बल की आवश्यकता महसूस की, जिसे पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाने के लिए सशस्त्र और प्रशिक्षित किया जाएगा। परिणामस्वरूप, सीमा सुरक्षा बल 1 दिसंबर 1965 को के एफ रुस्तम के साथ अपने पहले महानिदेशक के रूप में अस्तित्व में आया। 1971 के भारत-पाकिस्तानी युद्ध में बीएसएफ की क्षमताओं का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में पाकिस्तानी ताकतों के खिलाफ किया गया था, जहां नियमित बल कम थे, बीएसएफ सैनिकों ने लांगवाला की प्रसिद्ध लड़ाई समेत कई परिचालनों में हिस्सा लिया।

2018 में पकड़े नशीले पदार्थ व गुसपैठिए

- हेरोइन-197.125 किलोग्राम,

- हथियार-17,

-पाक घुसपैठिए-23,

-बंगलादेशी-1,

-नेपाली-1,

-गलती से सीमा क्रॉस कर आए 11 पाक नागरिकों को वापस बीएसएफ ने पाक रेंजरों को सौंपा।

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