खस्ताहाल रामसरा माइनर का जल्द हो निर्माण

खस्ताहाल रामसरा माइनर के नवनिर्माण की मांग को लेकर विभिन्न गावों के किसानों ने वीरवार को कांग्रेस प्रभारी संदीप जाखड़ को मांगपत्र सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 19 Nov 2020 05:10 PM (IST) Updated:Thu, 19 Nov 2020 05:10 PM (IST)
खस्ताहाल रामसरा माइनर का जल्द हो निर्माण
खस्ताहाल रामसरा माइनर का जल्द हो निर्माण

संवाद सहयोगी, अबोहर : खस्ताहाल रामसरा माइनर के नवनिर्माण की मांग को लेकर विभिन्न गावों के किसानों ने वीरवार को कांग्रेस प्रभारी संदीप जाखड़ को मांगपत्र सौंपा। संदीप जाखड ने किसानों की मांग को गंभीरता से लेते हुए सिचाई विभाग के मंत्री एवं चंडीगढ़ के उच्च अधिकारियों से बातचीत कर मसले को सुलझाने का भरोसा भी दिया।

इस मौके पर पंचायत समिति मेंबर रामसिंह व सूखा सिंह, चेयरमैन पंचायत समिति अनिरुद्ध कड़वासरा, पंचायत समिति सदस्य संजय बिश्नोई, गांव वरियाम खेड़ा के सरपंच सुधीर भादू, पूर्व सरपंच वेद भादू, सरपंच सिमरजीत ने बताया कि रामसरा माइनर 1975 में बनाई गई थी और तब से माइनर का नवीनीकरण नहीं हुआ, जिस कारण यह नहर अधिक पुरानी होने के कारण इसके बैड का लेवल उंचा नींचा हो चुका है। भारी बरसात के दौरान व टेलों पर बसे गांवों के किसानों को पानी देने पर यह नहर कई बार ओवरफ्लो होकर टूट चुकी है। नहर के पास के एरिया में गांव रायपुरा, राजांवाली, रामसरा आदि आते हैं और नहर टूटने पर यहां कें किसानों को भारी नुकसान पहुंचता है। जबकि टेलों पर बसे किसानों को पूरा पानी नहीं मिल पाता और अक्सर पानी की कमी के चलते उनकी फसलें खराब हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि बुर्जी नंबर 0 से 40 तक पड़ता रकबा सेमग्रस्त एरिया में आता है और नहर टूटने से इस एरिया के किसानों को पानी की मार झेलनी पड़ रही है। जबकि बुर्जी नंबर 41 से 88625 तक टेलों पर पड़ते किसानों की जमीनों को पूरा पानी भी नहीं मिलता जिससे उनकी फसलें सूखे का शिकार हो जाती है।

उन्होंने बताया कि वर्षों से लंबित इस मांग को अब पंजाब सरकार द्वारा इसके नवीनीकरण की मंजूरी दे दी गई है लेकिन नहरी महकमें ने अभी तक इसके पुन: निर्माण का काम शुरू नहीं किया ओर समस्या ज्यों की तयों बनी हुई है। इस मौके पर सुभाष बिश्नोई, योगेश सहारण, टिकू राम, जयराम व पवन भादू मौजूद थे।

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