श्री गुरु नानक देव के मार्ग पर चलने का आह्वान

श्री गुरु नानक देव जी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने के उ्ददेश्य से डीएवी कॉलेज आफ एजुकेशन में पंजाब तथा श्री गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में विस्तार भाषण का आयोजन किया गया। इस भाषण के मुख्य वक्ता डीएवी कॉलेज के पंजाबी विभाग के प्रोफेसर गुरुराज ¨सह चहल थे। ¨प्रसिपल डॉ. उर्मिल सेठी द्वारा पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया गया। इस अवसर पर ¨प्रसिपल ने पंजाब और हरियाणा के अलग हो जाने पर गहरा दुख जताया और उन्होंने विद्यार्थियों को श्री गुरु नानक देव जी द्वारा बताई गई शिक्षाओं पर चलने के लिए प्रेरित किया ताकि आज के दिन की सार्थकता सिद्ध हो सके। उन्होंने श्री गुरु नानक देव जी की मुख्य विचारधारा अपने हाथों से कार्य( हथी कीरत) करने और बांट कर खाने की प्रेरणा दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Nov 2018 05:35 PM (IST) Updated:Thu, 01 Nov 2018 05:35 PM (IST)
श्री गुरु नानक देव के मार्ग पर चलने का आह्वान
श्री गुरु नानक देव के मार्ग पर चलने का आह्वान

संवाद सहयोगी, अबोहर : श्री गुरु नानक देव जी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से डीएवी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में पंजाब तथा श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में विस्तार भाषण का आयोजन किया गया। इस भाषण के मुख्य वक्ता डीएवी कॉलेज के पंजाबी विभाग के प्रोफेसर गुरुराज ¨सह चहल थे।

¨प्रसिपल डॉ. उर्मिल सेठी द्वारा पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया गया। इस अवसर पर ¨प्रसिपल ने पंजाब और हरियाणा के अलग हो जाने पर गहरा दुख जताया। उन्होंने विद्यार्थियों को श्री गुरु नानक देव जी द्वारा बताई गई शिक्षाओं पर चलने के लिए प्रेरित किया ताकि आज के दिन की सार्थकता सिद्ध हो सके। उन्होंने श्री गुरु नानक देव जी की मुख्य विचारधारा अपने हाथों से कार्य ( हथी कीरत) करने और बांट कर खाने की प्रेरणा दी। पंजाबी साहित्य सभा के मुख्य इंचार्ज डॉ. पर¨वदर कंबोज ने पंजाब के आज के दिन टुकड़े होने पर गहरी संवेदना प्रकट की। प्रोफेसर गुरुराज ¨सह चहल ने कहा कि आज श्री गुरु नानक देव जी के द्वारा बताए गए इंसानियत के मार्ग पर चलने की बेहद आवश्यकता है। श्री गुरु नानक देव जी के विचारों की प्रासंगिकता आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। युवा पीढ़ी को जागरूक करते हुए उन्होंने श्री गुरु नानक देव जी के देखे हुए सपने को साकार करने का आह्वान किया। पंजाबी होने पर मान करें। उन्होंने गुरु नानक देव जी की फिलासफी को प्रकाश की भांति बताया, जिसे हम अच्छे, सच्चे इंसान बन सकें। उन्होंने पंजाब और पंजाबियत को ¨जदा रखने की बात विद्यार्थियों के समक्ष रखी। ¨प्रसिपल उर्मिल सेठी, पंजाबी साहित्य सभा के इंचार्ज डॉ पर¨वदर कंबोज, राजपाल कौर, जितेंद्र कौर व मनजीत ¨सह ने गुरुराज ¨सह चहल को स्मृतिचिन्ह देकर उन का तहे दिल से धन्यवाद किया। मंच संचालन राजपाल कौर व विद्यार्थी गुरमीत ¨सह ने किया।

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