झूठी निकली पिशाब पिलाने वाली बात, हटाई धारा

जिले के गांव चक्क जानीसर में कुछ दिन पहले अनुसूचित जाति के युवक के साथ मारपीट के मामले में नया मोड़ आ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 06:59 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 05:05 AM (IST)
झूठी निकली पिशाब पिलाने वाली बात, हटाई धारा
झूठी निकली पिशाब पिलाने वाली बात, हटाई धारा

संवाद सूत्र, जलालाबाद (फाजिल्का) : जिले के गांव चक्क जानीसर में कुछ दिन पहले अनुसूचित जाति के युवक के साथ मारपीट के मामले में नया मोड़ आ गया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट यह बात सामने आई है कि युवक से केवल मारपीट हुई है, जबकि पिशाब पिलाने वाली बात झूठी पाई गई है। यह जानकारी एसएसपी हरजीत सिंह ने जलालाबाद के डीएसपी कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान दी।

गांव चक्क जानीसर के युवक ने कुछ दिन पहले कुछ लोगों पर उससे मारपीट करने और पेशाब पिलाने के आरोप लगाए थे। युवक के अनुसूचित जाति से संबंधित होने के चलते मामले ने काफी तूल पकड़ा और एससी संघर्ष कमेटी के अलावा भाजपा नेताओं ने भी पीड़ित का हाल जाना। यहां तक कि 22 अक्टूबर को पंजाब राज्य सफाई कर्मचारी कमिशन के चेयरमैन ने भी युवक से मुलाकात की थी। लेकिन जिस दिन मामला दर्ज हुआ, उसी दिन एसएसपी की ओर से जांच कमेटी बैठा दी गई और आरोपितों ने भी बयान दिया था कि पेशाब वाली बात सही नहीं है।

उधर, एसएसपी हरजीत सिंह ने बताया कि उक्त घटना के बाद एक जांच समिति बनाई गई थी जिसमें एसपी इकबाल सिंह, डीएसपी पलविंदर सिंह सिद्धू, नवदीप सिंह भट्टी, एसएचओ सदर दविंदर सिंह को शामिल किया गया था और उक्त जांच समिति की तरफ से प्राथमिक रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि पेशाब पिलाने और जातिवादक मारपीट करने की बात झूठी है। जांच में पता चला है कि आठ अक्टूबर की रात को गुरनाम सिंह गांव चक्क जानीसर में अपने भाई के पास आया था। देर रात चोर समझकर कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया और गुरुद्वारा साहिब में अनाउंसमेंट करवा दी, जिसके बाद उक्त युवक से मारपीट की गई, जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ, जबकि पिशाब पिलाने वाली बात जांच में झूठी साबित हुई है। पुलिस ने उक्त मामले में पहले तीन लोगों जगवीर सिंह, सिमरनजीत सिंह व रमनदीप सिंह को नामजद किया था, जबकि अब सुखजीत सिंह व गगनदीप सिंह को नामजद किया है, क्योंकि उक्त लोगों ने पुलिस के पास मामला ले जाने की बजाए कानून हाथ में लिया। उन्होंने बताया कि उक्त मामले में चौकीदार, दो ग्रंथी और एक गांव के अन्य व्यक्ति को बतौर गवाह शामिल किया गया, जबकि मामले में पहले दर्ज की गई धारा 365 व 382 को भी खत्म कर दिया गया है। अभी जारी है जांच : डीएसपी

डीएसपी पलविद्र सिंह ने कहा कि उक्त मामले की अभी जांच जारी है। उक्त युवक द्वारा क्यों पिशाब पिलाने संबंधी बयान लिखवाए गए, इसकी भी जांच जारी है। इसके अलावा अन्य पहलुओं को भी देखा जा रहा है।

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