फाजिल्का में लगाई लोक अदालत में 738 केसों का निपटारा

जिला एवं सेशन जज तरसेम मंगला की अगुवाई में फाजिल्का अबोहर व जलालाबाद में नेशनल अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत में फाजिल्का में सात बैंच अबोहर में 3 व जलालाबाद में दो बैंच लगाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 10:13 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 10:13 PM (IST)
फाजिल्का में लगाई लोक अदालत में 738 केसों का निपटारा
फाजिल्का में लगाई लोक अदालत में 738 केसों का निपटारा

संवाद सूत्र, फाजिल्का : जिला एवं सेशन जज तरसेम मंगला की अगुवाई में फाजिल्का, अबोहर व जलालाबाद में नेशनल अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत में फाजिल्का में सात बैंच, अबोहर में 3 व जलालाबाद में दो बैंच लगाया गया। इस मौके न्यायाधीश तरसेम मंगला ने बताया कि इस लोक अदालत में कुल 738 केसों का निपटारा किया गया व करीब 37 लाख रुपये के अवार्ड पास किए गए। इस मौके सचिव राजपाल रावल ने कहा कि इन लोक अदालतों में लोगों के समय और पैसे की भी बचत होती है। लोग अदालत द्वारा दोनों पार्टियों में आपसी दुश्मनी खत्म हो जाती है और भाईचार बढ़ता है।

लोक अदालत में फैसले होने के बाद केस में लगी सारी कोर्ट फीस वापस मिल जाती है। इसके फैसले को दीवानी अदालत की डिग्री की मान्यता प्राप्त है। इसके फैसले के खिलाफ कोई अपील नहीं हो सकती।

अबोहर में निपटाए 116 केस संस, अबोहर : अबोहर के सीनियर न्यायाधीश हरप्रीत सिंह की अदालत में शनिवार को लोक अदालत लगाई गई। इस अदालत में 88 के करीब मामले रखे गए जिसमें से 55 के करीब मामले मौके पर निपटाये गए। दूसरी ओर न्यायाधीश लखबीर सिंह की अदालत में अदालत में 61 मामले रखे गए जिनमें से 43 के करीब केसों का निपटारा किया गया। लोक अदालत में मेंबर राजू चराया, सैक्ट्री नवीन पूनिया के अलावा मेंबर डॉ. पाल मदान, एडवोकेट बलदेव कृष्ण मौजूद थे।

जीरा में सुलझाए 29 केस

संवाद सूत्र, जीरा (फिरोजपुर) : जीरा शहर में शनिवार को नेशनल लोक अदालत माननीय जज सिमरनजीत सिंह सोही के नेतृत्व में लगाई गई, जिसमें 29 मामलों का मौके पर ही निपटारा किया गया और एक लाख 32 हजार रिकवरी की गई। इस अदालत में विशेष तौर पर उपस्थित मैंबर जसवंत सिंह रीडर, सतिंद्र सचदेवा लोक अदालत मैंबर, नीरू कुमार और महेंदरपाल उपस्थित थे।

सतिंद्र कुमार सचदेवा लोक अदालत मैंबर ने बताया कि लोगों को इन लोग अदालतों का अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए। इन अदालतों के द्वारा लोगों का जहां पैसा बचता है, वहीं टाइम की भी बचत होती है। क्योंकि इन लोग अदालतों में कई मामलों का मौके पर ही राजीनामा करवाकर निपटारा किया जाता है।

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