इंसान ने दुखों को ही अपना भाग्य समझा : स्वामी अशोकानंद

श्रीकृष्णा मंदिर में श्रीमद्भागवत गीता ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Dec 2019 12:05 AM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 06:10 AM (IST)
इंसान ने दुखों को ही अपना भाग्य समझा : स्वामी अशोकानंद
इंसान ने दुखों को ही अपना भाग्य समझा : स्वामी अशोकानंद

संवाद सहयोगी, मंडी गोबिंदगढ़ : श्री हरि कथा समिति व शहर निवासियों के सहयोग से 7वें दिन की शुरुआत श्रीकृष्णा मंदिर में श्रीमद्भागवत गीता ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ आयोजकों ने महाराज जी को फूल माला अर्पण कर स्वागत किया।

श्री कथा व्यास परम श्रद्धेय स्वामी अशोकानंद सरस्वती ने कहा कि इंसान ने दुखों को अपना भाग्य ही समझ लिया है। कर्म के अनुसार ही ब्रह्मा भाग्य लिखते हैं। तुम अपने कर्मो के मुताबिक भाग्य के खुद जिम्मेदार हो, उसके मुताबिक तुम्हें फल मिलता है। इंसान अपनी मोह के मुताबिक सब गलत कर्म को ठीक कर्म समझ कर करता रहता है और सुखी होने के चक्र में फंसकर जन्म मरण के चक्र में फंसा रहता है।

इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ. मनमोहन कौशल, चेयरमैन प्रकाश चंद गर्ग, महासचिव सुरेश गुप्ता, सचिव संदीप गोयल, प्रेस सचिव संजय गर्ग, मोती लाल सेतिया, दविंदर पराशर, यज्ञ दत्त, जेपी गोयल, शरण दास मित्तल, हरिप्रकाश गोयल, अमित गोयल, पंकज अग्रवाल, कैलाश शर्मा, विकास वालिया, ऋषि राज गोयल, पिकी अग्रवाल, कृष्ण पाठक, राधेश्याम गोयल, वेद सद्दी, एनके सिन्हा, बहादुर बस्सी आदि उपस्थित थे।

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