सरकारी व अर्ध सरकारी विभागों में खाली पद भरे जाएं

भारतीय इंकलाबी मा‌र्क्सवादी पार्टी व जनतक जत्थेबंदियों के सांझे मोर्चे की तरफ से केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ रविवार को मिनी सचिवालय में डीसी दफ्तर के समक्ष रोष धरना दिया गया। इसके उपरांत शहर में रोष मार्च भी निकाला और सरकारों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Feb 2019 05:41 PM (IST) Updated:Sun, 10 Feb 2019 05:41 PM (IST)
सरकारी व अर्ध सरकारी विभागों में खाली पद भरे जाएं
सरकारी व अर्ध सरकारी विभागों में खाली पद भरे जाएं

जागरण संवाददाता, फरीदकोट

भारतीय इंकलाबी मा‌र्क्सवादी पार्टी व जनतक जत्थेबंदियों के सांझे मोर्चे की तरफ से केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ रविवार को मिनी सचिवालय में डीसी दफ्तर के समक्ष रोष धरना दिया गया। शहर में रोष मार्च भी निकाला और सरकारों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।

पार्टी के प्रांतीय सचिव सदस्य प्रो. जयपाल, देहाती मजदूर सभा के प्रांतीय ज्वाइंट सचिव जगजीत ¨सह जस्सेआना, सभा के जिला सचिव गुरतेज ¨सह हरीनौ, शहीद भगत ¨सह नौजवान सभा के प्रांतीय नेता ज¨तदर कुमार ने केंद्र और पंजाब सरकार की लोक विरोधी नीतियों, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी व भ्रष्टाचारी कुशासन को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार, आरएसएस की हिदायतों पर चल रही है जिसने देश भर में असहनशीलता का माहौल पैदा कर दिया है। दलितों व अल्पसंख्यक वर्ग पर जुल्म किए जा रहे है और उन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा है। नेताओं ने कहा कि यह बात किसी से छिपी नहीं रही कि मोदी सरकार के कार्यकाल में गरीब और गरीब हो गया जबकि अमीर और अमीर होता जा रहा है। उन्होंने लोगों को आहवान किया कि मोदी सरकार व उनके सहयोगियों को हर हाल में मात दी जाए ताकि देश में स्थिरता का माहौल कायम हो सके।

इस प्रदर्शन के माध्यम से महंगाई पर नकेल कसने, रसोई में उपयोग होने वाली वस्तुओं को राशन डिपुओं पर आधे दाम में मुहैया करवाने, मनरेगा स्कीम का विस्तार कर मजदूर को कम से कम 600 रुपये दिहाड़ी देने, सरकारी व अर्ध सरकारी विभागों में खाली पदों पर तुरन्त स्थायी भर्ती करने, बेजमीन खेत मजदूरों को 10-10 मरले के रिहायशी प्लाट देने व घर बनाने के लिए 3-3 लाख की ग्रांट देने, मजदूरों व किसानों का सारा कर्ज माफ करने, खेती पर लागत कीमत घटाने व स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक फसलों की लाभदायक भाव देने की माग की गई। किरत कानून में संशोधन वापस लेकर मजदूरों को कम से कम से वेतन 18 हजार रूपये प्रति माह तय करने व निर्माण मजदूरों की आफ लाइन रजिस्ट्रेशन शुरू करने की मांगें रखी गई। इसके अलावा पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस को टैक्स से मुक्त करने, बिजली की दरें आधी करने, रोजगार को संवैंधानिक अधिकारों की सूची में शामिल करने, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने, बुढ़ापा, विधवा व दिव्यांग पेंशन कम से कम तीन हजार रुपये प्रति माह करने की मांग की गई। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि मजदूर वर्ग से सम्बंधित इन मांगों को जल्द पुरा ना किया गया तो जनतक जत्थेबंदियों द्वारा तीखा संघर्ष शुरू किया जाएगा।

इस मौके पर मुलाजिम नेता जगजीत पाल, जसमेल ¨सह, जसमत ¨सह रोमाना, काका ¨सह पलंबर आदि भी हाजिर हुए।

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