मुलाजिम विरोधी फैसले वापस ले सरकार

मनिस्ट्रीयल सर्विस यूनियन द्वारा जिला प्रधान व प्रांतीय सीनियर मीत प्रधान अमरीक ¨सह संधू की प्रधानगी में मनिस्ट्रीयल मुलाजिमों की मांगों को मंजूर न किए जाने के कारण समूह विभागों के कार्यालय कर्मचारियों द्वारा पंजाब सरकार के खिलाफ रोष धरना दिया गया। जिसमें विभिन्न विभागों के नेता व कर्मचारियों ने बढ़ चढ़ कर शिरकत की। इस मौके पर समूह कर्मचारियों ने रोष जताते हुए पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। रोष धरने के उपरांत पंजाब सरकार के नाम पर एक मांग पत्र डिप्टी कमिश्नर राजीव पराशर को दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Oct 2018 11:06 PM (IST) Updated:Mon, 29 Oct 2018 11:06 PM (IST)
मुलाजिम विरोधी फैसले वापस ले सरकार
मुलाजिम विरोधी फैसले वापस ले सरकार

जागरण संवाददाता, फरीदकोट

मिनिस्टीरियल सर्विस यूनियन द्वारा जिला प्रधान व प्रांतीय सीनियर मीत प्रधान अमरीक ¨सह संधू की प्रधानगी में मिनिस्टीरियल मुलाजिमों की मांगों को मंजूर न किए जाने के कारण समूह विभागों के कार्यालय कर्मचारियों द्वारा पंजाब सरकार के खिलाफ रोष धरना दिया गया। कर्मचारियों ने रोष जताते हुए पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। रोष धरने के उपरांत पंजाब सरकार के नाम पर एक मांग पत्र डिप्टी कमिश्नर राजीव पराशर को दिया गया।

जिला प्रधान अमरीक ¨सह संधू, जिला महासचिव न¨रदर शर्मा, जिला वित्त सचिव अमरजीत ¨सह वालिया, जिला प्रधान डीसी कार्यालय गुर¨वदर ¨सह विर्क, प्रेस सचिव पवन कुमार अनेजा, शिक्षा विभाग के अमृतपाल ¨सह, जस¨वदर ¨सह प्रधान सहिकारिता विभाग देस राज गुर्जर, महासचिव सहिकारिता विभाग जस¨वदर ¨सह, वित्त सचिव एक्साइज विभाग के निशान ¨सह, प्रधान तहसील कार्यालय द¨वदर ¨सह गिल व दी क्लास फोर यूनियन के कस्तूरी लाल आदि ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा समूह कर्मचारियों की मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण समूह मुलाजिमों में भारी रोष पाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की मुख्य मांगों पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने, नई भर्ती को बेसिक पे की बजाए पूरे वेतन पर भर्ती करने, मुलाजिमों का 23 माह का बकाया डीए की जनवरी 2017 से लेकर जुलाई 2018 तक, का जारी करने, छठे वेतन कमीशन को 01 दिसंबर 2011 को आधार मान कर लागू करने, नई भर्ती करने संबंधी बजट में कोई राशि जारी न करने और कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने, को पूरा करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि पहले ही आमदनी कर देने वाले हर मुलाजिम पर जजूया टैक्स 200 रुपये प्रति माह लगा दिया गया जोकि मुगल राज्य के समय लगाया जाता था। सरकार की इस मुलाजिम विरोधी नीति का कार्यालय कर्मचारियों द्वारा सख्त विरोध किया जा रहा है और सरकार को चेतावनी दी जाती है कि यदि उक्त मुलाजिम विरोधी नीतियों वाला फैसला वापस न लिया गया तो जल्द ही राज्य स्तरीय बैठक करके कार्यालय कर्मचारी कामकाज बंद करके सड़कों पर आने के लिए मजबूर होंगे।

इनसेट

13 की बैठक में लिया गया था फैसला

डीए का बकाया अब 1400 करोड़ की बजाए 6000 करोड़ हो चुका है। बीती 13 अक्टूबर को प्रांतीय प्रधान मेघ ¨सह सिद्धू की प्रधानगी में पटियाला में की गई राज्य स्तरीय बैठक में फैसला किया गया था कि यदि सरकार ने मुलाजिमों की मांगों को पूरा न किया तो जिला स्तर पर संघर्ष को तेज कर सरकार के नाम जिले के डिप्टी कमिश्नर को मांगपत्र सौंपे जाएं।

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