प्रयोग से पहले पुराने बारदाने को करना होगा री प्रिंट

पहले ही मजदूरों की कमी और बदले मौसम का सामना कर रहे आढ़तियो को एक और काम सौंपा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 04:20 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 04:20 PM (IST)
प्रयोग से पहले पुराने बारदाने को करना होगा री प्रिंट
प्रयोग से पहले पुराने बारदाने को करना होगा री प्रिंट

संवाद सहयोगी, फरीदकोट

पहले ही मजदूरों की कमी और बदले मौसम का सामना कर रहे आढ़ती और किसान अब गेहूं की पैकिग करवाने में एक और समस्या का सामना कर रहे हैं। वह प्रयोग हो चुके पहले पुराने बारदाने को स्टैस्साइलिग और प्रिट करने में व्यस्त हैं। गेहूं की पैकिग के लिए बारदाने की कमी का सामना करते राज्य सरकार ने शनिवार को अच्छी गुणवक्ता वाले (पुराने) बारदाने का प्रयोग के लिए अपनी मंजूरी दे दी।

इन पुराने बारनदाने का प्रयोग करने से पहले खुराक और सप्लाई विभाग ने कुछ निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है। खुराक सप्लाई विभाग ने खरीद एजेंसियों को पुरानी बोरियां को उलटने और बदबू हटाने के लिए कहा है परन्तु एजेंसियां ने इस जिम्मेदारी को आढतियों और किसानों पर डाल दिया है। इन थैलों पर आढ़ती फर्म का नाम छापना लाजिमी है। सभी एजेंसियों के जिला मैनेजर इस्तेमाल किए गए बारदाने में गेहूं की अलग स्टाक पहचान बनाना यकीनी बनाएंगे। एजेंसियां को कहा गया है कि वह पुरानी बोरियों में दी गई गेहूं का सही लेखा जोखा रखने और इस्तेमाल की थैलों का प्रयोग के बारे में रिपोर्ट एफसीआइ को दें।

अनाज खरीद एजेंसियां जूट की बारदाने की 26 प्रतिशत की कमी का सामना कर रही हैं जो फसलों को संभालने और ले जाने के लिए बहुत जरूरी हैं। पश्चिम बंगाल देश के 95 प्रतिशत जूट का बारदाना सप्लाई करता है। फूड सप्लाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बारदाने की भी कमी का बड़ा कारण पश्चिम बंगाल में जूट मिलों का बंद होना है।

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