चिकन पॉक्स से घबराएं नहीं, बचाव करें

चिकन पॉक्स एक ऐसा रोग है जो वैक्सीन लगवाने के बाद भी जिदगी में एक बार हर व्यक्ति को होता ही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Nov 2019 11:10 PM (IST) Updated:Wed, 06 Nov 2019 11:10 PM (IST)
चिकन पॉक्स से घबराएं नहीं, बचाव करें
चिकन पॉक्स से घबराएं नहीं, बचाव करें

संवाद सूत्र, कोटकपूरा: चिकन पॉक्स एक ऐसा रोग है जो वैक्सीन लगवाने के बाद भी जिदगी में एक बार हर व्यक्ति को होता ही है। आमतौर पर इसे दूसरी बार होते नहीं देखा गया है। यह बात कोटकपूरा सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कुलदीप धीर ने कही।

कोटकपूरा से 16 किलोमीटर दूर गांव बरगाड़ी के दशमेश ग्लोबल स्कूल में बच्चों और अध्यापकों में फैले इस रोग के बारे बातचीत करने पर डॉ. धीर ने बताया कि वहां किसी एक बच्चे या स्कूल टीचर को चिकन पॉक्स होने के बाद स्कूल प्रबंधन की तरफ से इस तरफ ध्यान देकर उस मरीज को अन्य लोगों से अलग नहीं किया होगा। जिस कारण वहां यह रोग फैला है। कोटकपूरा के सिविल अस्पताल में अभी तक चिकन पॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। अगर किसी को चिकन पॉक्स हो जाये तो उसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। चिकन पॉक्स से ग्रस्त व्यक्ति और परिवार वालों की व्यक्तिगत स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण होती है। चिकन पॉक्स को फैलने से बचाने के लिये मरीज को घर में ही अन्य व्यक्तियों से अलग रहना चाहिये। मरीज के कपड़े अलग करके उन्हें किसी भी एन्टी सेप्टिक मिले पानी में अच्छी तरह धोना चाहिये बच्चों को विशेष रूप से चिकन पॉक्स के रोगी से दूर रखें। चिकन पॉक्स के रोगी घर से कम से कम निकलें। इससे एक परिवार का संक्रमण दूसरे परिवार तक पहुंचने से रुकेगा। रोगी के पास खूब सफाई रखें, जिससे संक्रमण बढ़ने न पाए। ऐसे करें चिकन पॉक्स से बचाव

डेरा बाबा निहाल दास के संचालक राजवैद्य स्वामी श्रीनिवास महंत ने बताया कि आयुर्वेद में इस बीमारी का मुक्कमल इलाज है। मरीज दस दिनों में ठीक हो जाता है। इस रोग के दौरान मरीज ढीले-ढाले कॉटन के कपडे पहनें ताकि उसकी त्वचा में इरिटेशन न हो, और कपडा छालों पर रगड़े नहीं। चिकन पॉक्स में रोटी और खट्टी तली हुई चीजों से परहेज करें। घर का बना हल्का खाना दलिया, बिना छिलके वाली मूंग की दाल, दूध ब्रेड ही खाएं जो आसानी से पच सके और जिसमें पर्याप्त प्रोटीन और कैलोरी हो। चिकन पॉक्स के मरीजो को फैट फूड मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स तथा अंडे खाने से बचना चाहिए। चिकन पॉक्स के दौरान सिट्रस फूड यानी खट्टे फलों को और उनका जूस पीने से भी बचना चाहिए, तेल वाला, मिर्च वाला या तेज नमक वाला खाना न खाएं, इससे आपके मुंह में तकलीफ बढ़ सकती है। मरीज ऑफिस, स्कूल कॉलेज या बाहर कहीं न जाएं। बाहर जाने से मरीज को भी परेशानी होगी और दूसरे लोगों को भी चिकन पॉक्स होने का खतरा होगा। इस दौरान मरीज को नहाने से बचना चाहिए। थोड़ी राहत मिलने पर जरूरी हो तो केवल हल्के गुनगुने और सादे पानी से ही नहाएं। अस्पताल में उपलब्ध है सभी दवाईयां

सिविल हस्पताल कोटकपूरा में चिकन पॉक्स को लेकर हर प्रकार के पर्याप्त इंतजाम और दवाएं उपलब्ध हैं, कोई भी आपातकाल मामला आने पर इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ संदीप कौर 24 घंटे की ड्यूटी पर मौजूद रहती है। चिकन पॉक्स वैक्सीन बच्चों को 12 महीने से 12 साल के बीच दो खुराक में दी जा सकती है। उम्र के हिसाब से हो वैक्सीन की मात्रा

पहली खुराक बच्चे के 12 से 15 महीनों के बीच, 0.5 मिली लीटर। दूसरी खुराक बच्चे के 4 साल से 6 साल का होने के बीच, 0.5 मिली लीटर, 13 साल या उससे अधिक आयु के जिन किशोरों को पहले कभी चिकन पॉक्स नहीं हुआ हो और ना ही उन्होंने कभी इसकी वैक्सीन को ली हो, तो ऐसे में उनको कम से कम 28 दिनों के अंदर दो खुराक लेनी चाहिए। बच्चों और वयस्कों को वैक्सीन 0.5 मिलीलीटर से 0.65 मिलीलीटर मात्रा में देने की आवश्यकता होती है।

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