कोटकपूरा का फोकल प्वाइंट कब होगा प्रफुल्लित

पंजाब के उद्योग और वाणिज्य मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा ने वीरवार विकास कार्योँ की शुरुआत की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 04:11 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 04:11 PM (IST)
कोटकपूरा का फोकल प्वाइंट कब होगा प्रफुल्लित
कोटकपूरा का फोकल प्वाइंट कब होगा प्रफुल्लित

दीपक गर्ग, कोटकपूरा

पंजाब के उद्योग और वाणिज्य मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा ने वीरवार को 10 करोड़ रुपये के विकास कार्यों से फोकल प्वाइंट के नवीनीकरण की शुरुआत तो करवा दी लेकिन कभी उद्योगों की हब रहे कोटकपूरा में नए उद्योग कैसे प्रफुल्लित होंगे इसके बारे में कैबिनेट मंत्री कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे सके।

1978 में इस फोकल पॉइंट में पहली बार पंकज ऑटो इंडस्ट्री से शुरुआत हुई थी। उस समय पंजाब फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन से आसान शर्तों पर ऋण मिल जाता था। आसान शर्तों पर पूरी तरह तैयार शेड वाली बिल्डिग 99 वर्षीय लीज पर मिल जाती थी। इसके बाद इस फोकल प्वाइंट में ट्रैक्टर और ऑटो स्पेयर पा‌र्ट्स की कई फैक्टरियां शुरू हुई। यहां पर साइकिल टायर, ट्रांसफार्मर, कृषि उपकरण और प्लास्टिक पर आधारित कई उद्योग भी शुरू हुए थे। लेकिन बहुत से उद्योग बंद हो गए। कई तो ऋण न चुका पाने के कारण नीलाम भी हुए। आज इस फोकल प्वाइंट में चल रहे उद्योगों की स्थिति यह है कि बाबा मिल्क और क्रॉप केमिकल ने बड़े स्तर पर रोजगार भी पैदा किया है और ब्रांड के तौर पर भी नाम कमाया है।

उद्योगों के सुनहरे काल में कोटकपूरा के नजदीकी गांव संधवा में सहकारी धागा मिल चलती थी तो शहर के फैक्टरी रोड और हरीनों रोड पर कपास आधारित कई उद्योग थे।

आज स्थिति यह है कि जो दस करोड़ रुपये फोकल प्वाइंट को जारी हुई है उसमें भी कुछ जरूरतें पूरी होती नहीं दिख रही। इनमें से सबसे बड़ी जरूरत है कि फोकल पॉइंट को आरओ हुआ साफ पेयजल नहीं मिल रहा। सरकार की कई योजनाओं के बावजूद आसान शर्तों पर ऋण नहीं मिलता। ऐसे में नए उद्योगों का प्रफुल्लित होना टेढ़ी खीर की तरह है।

कोटकपूरा में उद्योगों की निराशाजनक स्थिति को देखकर दिल्ली में पेंट का उद्योग शुरू करने वाले याविस्त गर्ग का कहना है कि कोटकपूरा में उद्योगों की कामयाबी के लिए ऑटो आधारित कोई बड़ा उद्योग लगना चाहिए। रजिदर अरोड़ा उर्फ राजा ठेकेदार ने बताया कि कोटकपूरा के लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि कोटकपूरा में सरकारी तौर पर कोई बड़ा उद्योग लगाया जाये जो बंद हो चुके तेल कम्पनियों के डिपो टैंकों तथा अन्य उद्योगों का पूरक बन सके जिससे नगर कौंसिल कोटकपूरा को भी आमदनी हो तथा शहर के विकास की राह भी आसान हो।

समाजसेवी, शिक्षाविद और किसान डॉ मंजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि कोटकपूरा के बागवानों और किसानों को पारंपरिक फसल चक्कर से निकाल कर कुछ अलग प्रयोग होने से इलाके में खुशहाली और रोजगार बढ़ सकता है। लेकिन इसके लिए कोटकपूरा में फूड प्रोसेसिग पर आधारित बड़े उद्योगों की स्थापना होनी जरूरी है। राज्य में कृषि आधारित शिक्षा को भी प्रोत्साहन मिलना चाहिए।

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