उम्र के हर पड़ाव में जवान रहने के लिए रोज करें सेतुबंध आसन
उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर को भी कई तरह के लग जाते हैं। सेतुबंध आसन ऐसा आसन है जो शरीरिक और मानसिक रोगों के लिए रामबाण है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर को भी कई तरह के लग जाते हैं। सेतुबंध आसन ऐसा आसन है जो शरीरिक और मानसिक रोगों के लिए रामबाण है। गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ योग एजुकेशन एंड हेल्थ के योगाचार्य रोशन लाल ने बताया कि अगर आप जीवन के हर पल का लुत्फ उठाने चाहते हैं तो आपका शरीरिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है। ऐसे में आप रोज सेतुबंध आसन का अभ्यास कर सकते हैं। इसके अभ्यास से शरीर में रक्त संचार ठीक से होता है, हड्डियों व जोड़ों में लचक बनी रहती है। पाचन व श्वसन तंत्र ठीक से काम करता है। तनाव कम होता है। इसके अलावा इसके अभ्यास से मानसिक रोगियों को भी लाभ पहुंचता है।
कैसे करें आसन
-सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
-अब घुटनों को मोड़ें, यह रीढ़ की हड्डी के 90 डिग्री पर हो।
-सांस लेते हुए कमर को सुविधा के हिसाब से उठाएं।
-इस अवस्था को 20-30 सेकंड तक बनाए रखें।
-आसन करते समय धीरे-धीरे सांस ले और छोड़े।
-फिर सांस छोड़ते हुए जमीन पर आएं।
-यह एक चक्र हुआ, आप 3 से 5 बार इसे कर सकते हैं।
सावधानियां
-हाइपर एक्टिव थाइराइड वाले मरीजों को नहीं करना चाहिए।
-ब्लड प्रेशर के मरीज इस आसन का अभ्यास न करें।
- गर्दन की दर्द होने पर इस आसन को न करें।
- घुटने की दर्द होने पर इस आसन से बचें।
- कंधे में तकलीफ हो तो इस योग को नहीं करना चाहिए।
लाभ -
- कमर दर्द के लिए रामबाण है।
-थाइराइड पीड़ितों के लिए प्रभावी
- तनाव को कम करने में सहायक
-वजन को कम करने के लिए सहायक
- कब्ज एवं एसिटिडी से बचाता है।
-अस्थमा रोगियों के लिए मददगार।
- गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा।
-पैरों को मजबूत बनाता है।