PUNJAB: कैप्टन की कैबिनेट में 'काली दवाई' पर चर्चा ने कराई किरकिरी; Video viral

Punjab cabinet meeting में काली दवाई पर हुई बातचीत का Video viral होने से सरकार की काफी फजीहत हो रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 11:12 AM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 08:49 AM (IST)
PUNJAB: कैप्टन की कैबिनेट में 'काली दवाई' पर चर्चा ने कराई किरकिरी; Video viral
PUNJAB: कैप्टन की कैबिनेट में 'काली दवाई' पर चर्चा ने कराई किरकिरी; Video viral

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब सरकार की कैबिनेट मीटिंग में 'काली दवाई' पर हुई बातचीत का Video viral होने से सरकार की काफी फजीहत हो रही है। वहीं, मीटिंग की फुटेज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को देने पर लोक संपर्क विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी व वीडियोग्राफर को चार्जशीट कर दिया गया है। पंजाब में आम बोलचाल में अफीम को 'काली दवाई' कहा जाता है। इस मुद्दे कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने ट्वीट किया, 'रोम जल रहा है, नीरो बांसुरी बजा रहा है।'

अब सवाल यह नहीं है कि लोक संपर्क अधिकारी ने इस तरह का वीडियो चेक किए बिना कैसे जारी कर दिया? सवाल यह है कि जब राज्य गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा हो और आए दिन युवा नशे के कारण मारे जा रहे हों, वहां हमारे लिए फैसला लेने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए मुख्य एजेंडा क्या है?

हुआ यूं कि कैबिनेट की मीटिंग में तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी काफी बीमार दिख रहे थे। मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने उन्हें 'काली दवाई' लेने की सलाह दी। तभी वीडियो में मंत्री रजिया सुल्ताना की आवाज सुनाई पड़ती है। वे कहती हैं- 'आपको 'काली दवाई' लाकर दें क्या?' इतने में सभी हंसने लगते हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री भी कुछ कह रहे हैं, लेकिन हंसी के शोर में ठीक से सुनाई नहीं पड़ रहा। मालवा के एक मंत्री कह रहे हैं, 'इसके लिए तो राजस्थान जाना पड़ेगा।' उसी समय स्वास्थ्य मंत्री ब्रहम मोहिंंदरा कहते सुनाई पड़ते हैं, 'ये कब राजस्थान जाएगा और वहां से 'काली दवाई' लाएगा?'

कैबिनेट मीटिंग से पहले शूट होता है वीडियो

यह वीडियो बिना संपादित किए ही जारी कर दिया गया। लोक संपर्क विभाग ने इसके लिए एडिशनल डायरेक्टर रैंक के अधिकारी को जिम्मेदार मानते हुए चार्जशीट कर दिया। इस तरह का वीडियो शूट हर कैबिनेट मीटिंग से पहले करवाया जाता है, ताकि उसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक चैनलों को वीडियो फुटेज के लिए दिया जा सके। इसे म्यूट करके शूट करना होता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। संबंधित अधिकारी ने भी इसकी जांच नहीं की और यह ऐसे ही जारी हो गया।

सरकार की किरकिरी

नशे के मुद्दे पर पंजाब सरकार हमेशा से घिरी रही है। पूर्व अकाली-भाजपा सरकार तो नशे के मुद्दे पर ही चली गई थी। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी चुनाव के दौरान यह मुद्दा उठाया था। आए दिन पंजाब में नशे के कारण मौतें हो रही हैं। कैप्टन ने सत्ता में आने पर श्री गुटका साहिब की शपथ खाकर नशा मिटाने की बात कही थी। नशे की कमर तोड़ने का दावा करने वाली सरकार के मंत्री किस तरह कैबिनेट की मीटिंग में अफीम लेने और इसकी खेती करने पर चर्चा कर रहे हैं, यह उजागर होने से सरकार की काफी किरकिरी हो रही है।

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