अब कांस्टेबल भर्ती का परिणाम विवादों में, आवेदकों ने लगाया धांधली का आरोप
दिसंबर 2015 में 520 कांस्टेबलों की भर्ती निकलने के बाद दिसंबर 2018 में रिजल्ट आने तक पूरी प्रक्रिया विवादों में रही है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : दिसंबर 2015 में 520 कांस्टेबलों की भर्ती निकलने के बाद दिसंबर 2018 में रिजल्ट आने तक पूरी प्रक्रिया विवादों में रही है। रिजल्ट के बाद 50 से 60 आवेदक बुधवार सुबह सेक्टर-9 स्थित पुलिस मुख्यालय के सामने एकत्र हुए और गलत आंसरकी अपलोड करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि सभी कैंडीडेट्स की आंसरशीट अपलोड की जाए। इसके बाद उन्होंने डीजीपी संजय बेनीवाल से मुलाकात कर उन्हें इस धांधली की शिकायत दी। आवेदकों का कहना था कि यूटी पुलिस के खिलाफ सभी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। राजस्थान निवासी योगेश ¨सह ने बताया कि सभी ने यूटी पुलिस कांस्टेबल भर्ती में आवेदन किया था। पहले तो यूटी पुलिस की भर्ती प्रक्रिया में ही इतना लंबा समय लग गया। इसके बाद रिजल्ट जारी किया तो उसमें भी कई धांधली की गई हैं। विभाग की ओर से सभी आवेदकों की आंसरशीट साइट अपलोड करने की बजाय आंसरकी डाली गई है। उनका आरोप है कि उस आंसरकी में कई जवाब गलत दिखाए गए हैं। जैसे कि एक सवाल था कि भारत की तीनों सेना का प्रमुख कौन होता है? इसमें लगभग सभी कैंडिडेट्स ने राष्ट्रपति के आप्शन पर मार्क किया था। लेकिन यूटी पुलिस की ओर से जारी आंसरकी में सेना प्रमुख रक्षा मंत्री का आप्शन सही बताया गया है। ऐसे ही कई सवालों के गलत जवाब को सही बताया गया है।
दागी कंपनी को परीक्षा की जिम्मेदारी देने पर खड़े हुए थे सवाल इससे पहले यूटी पुलिस विभाग की ओर से पुलिस कांस्टेबल आवेदकों की ऑनलाइन परीक्षा करवाने का टेंडर सिफी टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को दिया था। जबकि, सिफी टेक्नोलॉजी के कई स्टॉफ पर एसएससी पेपर लीक मामले में सीबीआइ केस दर्ज कर चुकी थी। इसमें यूटी पुलिस के कांस्टेबल जगजीत ने डीजीपी संजय बेनीवाल को दागी कंपनी को टेंडर देने पर लिखित शिकायत भी दी थी। दागी कंपनी को परीक्षा की जिम्मेदारी देने पर यूटी पुलिस भर्ती विवादों में आ गई थी। कोट्स.. पुलिस भर्ती प्रक्रिया पूरी ऑनलाइन थी। इसमें धांधली की गुंजाइश ही नहीं हो सकती। शिकायत आने पर उच्च अधिकारी ही कुछ निर्णय लेंगे। पवन कुमार, डीएसपी पीआरओ यूटी पुलिस