रक्तदान और शिविर लगाने की ललक खींच लाई विदेश से

जस्सी पूरी तरह से रक्तदान और लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 May 2020 07:45 PM (IST) Updated:Mon, 11 May 2020 06:07 AM (IST)
रक्तदान और शिविर लगाने की ललक खींच लाई विदेश से
रक्तदान और शिविर लगाने की ललक खींच लाई विदेश से

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : जसबीर सिंह जस्सी को एक चलता फिरता ब्लड बैंक कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि जस्सी पूरी तरह से रक्तदान और लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित हैं। किसी भी जरूरतमंद को अगर अस्पताल में रक्त की जरूरत होती है तो जस्सी खुद ब्लड का प्रबंध करवाते हैं। जस्सी ने एक एंबुलेंस भी चलाई हुई है जोकि रक्तदाता को अस्पताल लेकर जाती है और रक्तदान करवाने के बाद सुरक्षित घर छोड़ती है। जस्सी के पास ऐसे 1400 ब्लड डोनर्स की लिस्ट है। जोकि जस्सी से प्रभावित होकर रेगुलर ब्लड डोनर बने हैं। जस्सी किसी भी समय डॉक्टरों की अपील पर रक्तदान शिविर लगाने के लिए तैयार रहते हैं। 25 से 30 लोगों का शिविर वह हर समय एक कॉल पर ही लगाने के लिए तैयार रहते हैं। 113 बार कर चुके हैं रक्तदान

पंचकूला निवासी 58 साल के जस्सी खुद भी 113 बार रक्तदान कर चुके हैं। कपड़े का कारोबार करने के लिए वह विदेश चले गए लेकिन रक्तदान करने और शिविर लगाने की ललक उन्हें वापस ले आई। विदेश में जाने से पहले ही जस्सी रक्तदान शिविर लगाने लग गए थे। बताया कि पहली बार उन्होंने रक्तदान 38 साल पहले दिया जब वह हॉकर थे और सेक्टर-27 में अखबार बांटते थे। यहां पर सुबह सवेरे एक रेजिडेंट्स का हादसा हो गया। वह उसे सेक्टर-16 अस्पताल ले गए, वहां पर डॉक्टर ने कहा कि जल्दी ने रक्तदान करो क्योंकि मरीज को खून की जरूरत है। डॉक्टर को लगा कि वह घायल का रिश्तेदार है। जब पहली बार रक्तदान किया तो उन्हें काफी खुशी हुई। तब से रक्तदान करने का सिलसिला जारी रहा। जस्सी इस समय हर साल पांच से छह बड़े रक्तदान शिविर लगाते हैं। सेक्टर-34 और 28 के गुरुद्वारे में भी रक्तदान शिविर हर साल लगाते हैं। ट्राईसिटी में पटियाला हाउस के नाम से उनकी दुकानें हैं। इस कोरोना की स्थिति में भी जस्सी रक्त की कमी दूर करने में लगे हुए हैं। 250 से ज्यादा रक्तदान शिविर लगा चुके हैं

उन्होंने कहा कि रक्तदान लोग निशुल्क करते हैं लेकिन एक क्लब है जो जरूरत पड़ने पर मरीज के तीमारदार को 1400 रुपये में एक यूनिट देता है। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि आपातकालीन स्थिति में अगर किसी के पास पैसे नहीं है तो वह निशुल्क रक्त ले सके। जस्सी हर दिन सुबह चार बजे उठकर वाहेगुरु का नाम लेते हैं। जसबीर सिंह जस्सी अब तक 250 से ज्यादा रक्तदान शिविर लगा चुके हैं।

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