कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के रियल हीरो

कोरोना संक्रमण इस कदर नहीं फैलता अगर विदेश से आने वाले लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Mar 2020 08:42 PM (IST) Updated:Tue, 31 Mar 2020 06:09 AM (IST)
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के रियल हीरो
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के रियल हीरो

विकास शर्मा, चंडीगढ़ : कोरोना संक्रमण इस कदर नहीं फैलता अगर विदेश से आने वाले लोग अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से निर्वाहन करते। कुछ लोगों ने अपनी जिम्मेदारी को समझा और विदेश से लौटने के बाद खुद को क्वारंटाइन कर लिया। ऐसा करके इन लोगों ने न सिर्फ अपने परिवार को तो सुरक्षित किया साथ में इस वायरस के संक्रमण को रोकने में भी अहम भूमिका निभाई। आए जानते हैं ऐसे ही रियल हीरो के बारे में। खुद को होम क्वारंटाइन किया और घर से संभाला मोर्चा

सेक्टर-16 में रहने वाले हेल्थ सेक्रेटरी अरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि उनकी बेटी यूएसए से लौटी थी। सुरक्षा के लिहाज उनकी बेटी ने खुद क्वारंटाइन किया। इसके बाद सारे परिवार ने भी खुद को क्वारंटाइन कर लिया। बावजूद इसके अरुण कुमार ने घर से ही पूरा कामकाज संभाला। उन्होंने बताया कि आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी अस्पतालों के बीच कोऑर्डिनेशन, फीडबैक, स्वास्थ्य जरूरतों को भारत सरकार के सामने उठाना उनकी मुख्य जिम्मेदारियों में से एक है। कनाडा से वापस लौटकर खुद को किया आइसोलेट

चंडीगढ़ पुलिस में बतौर अपनी सेवाएं दे रहे इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह हाल में कनाडा से लौटे थे। जैसे वह चंडीगढ़ पहुंचे, उन्होंने प्रशासन को विदेश से वापस आने के जानकारी दी और अपने आपको खुद घर में आइसोलेट कर लिया। खुद को क्वारंटाइन करने की जानकारी उन्होंने डिपार्टमेंट को भी दी। अमनजोत कौर बताते हैं कि कोरोना से दुनिया को बचाने का इकलौता यही जरिया है। विदेश से आने वाले लोगों को सिर्फ 14 दिन खुद को आइसोलेट करना है, इससे वह खुद, अपने परिवार और इस संसार सुरक्षित रखने में अहम जानकारी निभाएंगे। बेटी ने विदेश से पहुंचते ही किया खुद को क्वारंटाइन

शहर के सेक्टर-34 में रहने वाले हृदयरोग स्पेशलिस्ट डॉ. एचके बाली ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने खुद जानकारी दी कि उनकी बेटी यूएसए से आई थी। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने घर में वापस आते ही खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया है, ताकि उनकी वजह से परिवार व सामाज को कोई दिक्कत न हो। विदेश से आने वाले अन्य लोग भी ऐसी ही जागरूकता दिखाते तो यकीनन आज इस तरह हालात न बिगड़े होते। एचके बाली ने बताया कि यह हम सबकी यह सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि हम अपना भी ध्यान रखें, इसी से सामाज इस खतरे से निपट सकता है।

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