जिस दिन सभी देशवासियों को संविधान की जानकारी हो गई उस दिन देश का वातावरण अलग होगा

पंजाब यूनिवर्सिटी के एनएसएस और यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट ने राष्ट्रीय संविधान दिवस पर वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार में उपस्थित विशेषज्ञों ने भारत के संविधान के तहत अधिकारों और कर्तव्यों पर अपनी बात रखी।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 05:20 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 05:20 PM (IST)
जिस दिन सभी देशवासियों को संविधान की जानकारी हो गई उस दिन देश का वातावरण अलग होगा
पंजाब यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय संविधान दिवस पर शपथ लेते टीचर्स।

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब यूनिवर्सिटी के एनएसएस और यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट ने राष्ट्रीय संविधान दिवस पर वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार में उपस्थित विशेषज्ञों ने भारत के संविधान के तहत अधिकारों और कर्तव्यों पर अपनी बात रखी।

डॉ. नवीन कुमार, कार्यक्रम अधिकारी, एनएसएस, पीयू ने संविधान की रचना के पहलुओं पर अपने विचार प्रकट किए। वहीं, लॉ विभाग के प्रो. देविंदर सिंह कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में जुड़े। उन्होंने प्रतिभागियों को भारत के संविधान के आने के पीछे के प्रयासों, कड़ी मेहनत और संघर्ष के बारे में बताया। देविंदर ने कहा कि संविधान ने हमें विभिन्न संस्थान, सिद्धांत और कई चीजें दी हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई आम आदमी अभी भी ऐसे है जिन्हें अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं है। संविधान में हमें अधिकार और कर्तव्य दोनों दिए गए हैं। आज के समय में मौलिक अधिकार को लागू करना सबसे जरूरी है। प्रतिभागियों को यह समझाया गया कि पर्यावरण, संस्कृति के प्रति हमारा क्या कर्तव्य है। देविंदर ने कहा कि लोग यह भूल गए कि अधिकारों में कर्तव्य छिपे हुए हैं। देश के संविधान को बनाते समय कई बातों को ध्यान में रखा गया था। उन्होंने युवाओं को देश के संविधान को पढ़ने के लिए प्रेरित किया। देविंदर ने कहा कि संविधान के बारे में जिस दिन देश के सभी नागरिकों को जानकारी हो गई उस दिन देश का वातावरण अलग होगा।

देविंदर ने कहा कि हमारे कर्तव्यों का पालन करते समय सामाजिक जिम्मेदारी का बोध होना चाहिए ताकि नागरिकों की सही मांगों को पूरा किया जा सके। अंत में वक्ता ने सलाह दी कि एक शिक्षक के रूप में, अपने ज्ञान के माध्यम से योगदान देना चाहिए ताकि भविष्य की पीढ़ियों को जिम्मेदार नागरिक बनाया जा सके।

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