कैप्टन अमरिंदर सिंह का सरकारी आवास घेरने जा रहे शिक्षकों की पुलिस से भिड़ंत, कई जवान व शिक्षक चोटिल

चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश कर रहे टीचर्स को रोकने में मोहाली पुलिस नाकाम रही है। मोहाली पुलिस की घेराबंदी तोड़ शिक्षक चंडीगढ़ की ओर बढ़ गए हैं। पिछले हफ्ते भी शिक्षक चंडीगढ़ में घुसने में सफल रहे थे। 13 हजार शिक्षक स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 02:38 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 03:08 PM (IST)
कैप्टन अमरिंदर सिंह का सरकारी आवास घेरने जा रहे शिक्षकों की पुलिस से भिड़ंत, कई जवान व शिक्षक चोटिल
मोहाली में शिक्षकों को रोकने के लिए मौजूद पुलिस बल।

मोहाली, [रोहित कुमार]। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का सरकारी आवास घेरने जा रहे अस्थायी शिक्षक चंडीगढ़ पुलिस के साथ भिड़ गए। शिक्षकों को काबू करने के लिए पुलिस को वाटर केनन, टियर गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इस दौरान चंडीगढ़ पुलिस के जवान और शिक्षकों को चोटें आई। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने शिक्षकों को चंडीगढ़ में नहीं घुसने दिया। खबर लिखे जाने तक चंडीगढ़ पुलिस व शिक्षकों के बीच बातचीत जारी थी। हालांकि शिक्षक बार बार चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश कर रहे थे।

ध्यान रहे कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसइबी) के बाहर पिछले कई दिनों से पंजाब के अलग-अलग जिलों के शिक्षक स्थायी नौकरी की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। सात से ज्यादा शिक्षक पेट्रोल की बोतलें लेकर पीएसइबी की छत पर बैठे हैं। छत पर बैठे शिक्षकों ने मोहाली पुलिस व प्रशासन को चेतावनी दे रखी है कि अगर उनके पास आने की कोशिश तो वे आत्महत्या कर लेंगे।

मंगलवार को शिक्षकों व पंजाब सरकार के बीच बैठक तय हुई। बैठक पहले सुबह होनी थी लेकिन बाद में समय बदल कर बारह बजे कर दिया गया। लेकिन बाद में सरकार की ओर से बैठक रद्द कर दी गई। जिससे शिक्षक भड़क गए। भारी संख्या में शिक्षक पीएसइबी से चंडीगढ़ की ओर से बढ़ने लगे। वाइपीएस चौंक के पास मोहाली पुलिस ने शिक्षकों को रोकने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। इतने में शिक्षक चंडीगढ़ बार्डर पर गीताभवन मंदिर के पास पहुंच गए। चंडीगढ़ पुलिस ने भारी बेरिकेटिंग कर रखी थी।

चंडीगढ़ पुलिस ने शिक्षकों को चेतावनी दी कि अगर वे नहीं माने तो मजबूरी में बल प्रयोग करना पड़ेगा। लेकिन शिक्षकों ने एक न सुनी और बेरीकेटिंग तोड़ने की कोशिश की। जिसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने सबसे पहले वाटर केनन का इस्तेमाल किया। शिक्षकों को उग्र होते देख पुलिस को टीयर गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। जिसके बाद शिक्षकों को खदेड़ दिया गया। लेकिन शिक्षक अभी भी बार्डर पर डेरा जमाए हुए है। ध्यान रहे कि पिछले सप्ताह शिक्षक चंडीगढ़ पुलिस की बेरीकेटिंग तोड़ चंडीगढ़ घुसने में सफल रहे थे।

महिला अध्यापकों को कपड़े फटे

लाठीचार्ज के दौरान कई महिला अध्यापकों को कपड़े फट गए। महिला शिक्षकों ने कहा कि ये बेटियों, माताओं का सम्मान हो रहा ? कई महिला शिक्षक बुरी तरह से र्निवस्त्र हो गईं। शिक्षकों ने कहा कि १८ साल से हमें मांगों के नाम पर आश्वासन दिए जा रहे है। हमें मरना मंजूरी है लेकिन हम अपना हक लिए बिना नहीं जाएंगे।

एसएसपी चहल और सतिंदर सिंह की बैठक जारी

हालत इतने खराब हो गए कि मौके पर एसएसपी चंडीगढ़ कुलदीप सिंह चहल को आना पड़ा। मोहाली से एसएसपी सतिंदर सिंह भी पहुंचे। बार्डर पर दोनों एसएसपी व अधिकारियों की बैठक चल रही है। शिक्षक भी मौके पर बैठ गए। शिक्षकों को पुलिस अधिकारियों की ओर से समझाने की कोशिश की गई। लेकिन शिक्षक नहीं माने। शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को चंडीगढ़ ले जाने की बात की जा रही है।

सरकार पहन ले चूडियां हम आंतकवादी नहीं ?

शिक्षकों ने आरोप लगाए कि लड़कियों को गले में चुन्नीयां डाल कर सड़क पर घसीटा गया। शिक्षकों ने कहा कि कैप्टन सरकार हाथों में चूड़ियां पहन लें हम कोई आंतकवादी नहीं जो ऐसा बर्ताव किया जा रहा है। हम अपना हक मांग रहे है। जब से धरने पर बैठे हैं छह बार बैठक हो चुकी है। लेकिन हल कोई नहीं निकला सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। हमें स्थायी नौकरी चाहिए या फिर गोली मार दो ?

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