काली रूह ते मल के हो जांदी चिट्टी, एन्नी खुशबूदर ए पंजाब यूनिवर्सिटी दी मिट्टी... से सरताज ने बाधां समां

अपनी पुरानी यूनिवर्सिटी फिर एक बार पहुंचे गायक सतिंदर सरताज। फिर एक बार इसको याद करते हुए इस पर लिखे अपने गीत को गुनगुनाया।

By Edited By: Publish:Fri, 29 Mar 2019 01:57 AM (IST) Updated:Fri, 29 Mar 2019 03:02 AM (IST)
काली रूह ते मल के हो जांदी चिट्टी, एन्नी खुशबूदर ए पंजाब यूनिवर्सिटी दी मिट्टी... से सरताज ने बाधां समां
काली रूह ते मल के हो जांदी चिट्टी, एन्नी खुशबूदर ए पंजाब यूनिवर्सिटी दी मिट्टी... से सरताज ने बाधां समां

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : काली रूह ते मल के हो जांदी चिट्टी, एन्नी खुशबूदर ए पंजाब यूनिवर्सिटी दी मिट्टी... अपनी पुरानी यूनिवर्सिटी फिर एक बार पहुंचे गायक सतिंदर सरताज। फिर एक बार इसको याद करते हुए इस पर लिखे अपने गीत को गुनगुनाया। वीरवार शाम पंजाब यूनिवर्सिटी में फिर से अपने पुराने दिनों को जीया सतिंदर सरताज ने। यूनिवर्सिटी के फेस्टिवल झंकार में पहुंचे सरताज ने सभी स्टूडेंट्स को कहा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं जो इस यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। मैं भी यहीं आकर स¨तदर से सरताज बना। जहां मुझे गायिकी सीखने को मिली। कई स्ट्रगल के दिन यहां बिताए हैं, ऐसे में यहां आता हूं, तो ये जरूर याद रहता है कि कैसे मैं हॉस्टल में अपने दिन बिताता था। म्यूजिक डिपार्टमेंट से लेकर पर्शियन लिटरेचर सीखने के लिए कैसी कैसी मशक्कत उठाई।

मुझे खुशी है कि इसी यूनिवर्सिटी में दोबारा आता हूं, तो लोग मुझे सुनने पहुंचते हैं। मैं गाउंगा तो आप भांगड़ा जरूर करना कार्यक्रम में सतिंदर सरताज ने अपने गीत आखिरी अपील, हजारे वाला मुंडा, मेरी हीरिए, न गल मेरे वस दी रही गीत गाए। उन्होंने कहा कि मेरे जो गीत नाचने वाले हैं, तो उसमें जरूर नाचिएगा, क्योंकि मैं भी पहले बहुत भांगड़ा करता था। कितनी ही वीडियो के लिए मैंने युनिवर्सिटी के शुरुआती दिनों में भांगड़ा डाला। ऐसे में आप भी मेरे गीतों पर जरूर भंगड़ा डालिएगा। इसके बाद सरताज ने लोगों की फरमाइश पर भी कई गीत पेश किए। आज कमल हीर देंगे प्रस्तुति झंकार कार्यक्रम के तहत आज पंजाब यूनिवर्सिटी में गायक कमल हीर प्रस्तुति देंगे। ये प्रस्तुति शाम 6.30 बजे से स्टूडेंट सेंटर के सामने स्थित ग्राउंड में आयोजित होगी।

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