बेअदबी कांड की सीसीटीवी फुटेज सिद्धू ने की सार्वजनिक, बोले- बादलों पर हो पर्चा दर्ज

सिद्धू ने पहली बार बेअदबी कांड को लेकर आयोग द्वारा की गई जांच रिपोर्ट की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक की। कहा कि मामले में बादलों पर पर्चा दर्ज किया जाए।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 06 Sep 2018 08:32 PM (IST) Updated:Fri, 07 Sep 2018 08:44 AM (IST)
बेअदबी कांड की सीसीटीवी फुटेज सिद्धू ने की सार्वजनिक, बोले- बादलों पर हो पर्चा दर्ज
बेअदबी कांड की सीसीटीवी फुटेज सिद्धू ने की सार्वजनिक, बोले- बादलों पर हो पर्चा दर्ज

जेएनएन, चंडीगढ़। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने वीरवार को पहली बार श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद कोटकपूरा (फरीदकोट) गोलीकांड को लेकर आयोग द्वारा की गई जांच रिपोर्ट की सीसीटीवी फुटेज मीडिया के सामने सार्वजनिक की। उन्होंने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि सरकार ने गोली चलाने की तैयारी पहले से कर रखी थी। उन्होंने मांग की कि पहले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ पर्चा दर्ज किया जाए। इसके बाद बेअदबी कांड को लेकर आयोग की रिपोर्ट पर जांच के लिए एसआइटी का गठन किया जाए।

आयोग की रिपोर्ट में डॉक्टर कुलविंदर के बयान का हवाला देते हुए सिद्धू ने आरोप लगाया कि गोली चलाने से पहले ही सरकार ने सारी तैयारियां करवा ली थीं। तभी डाक्टर को रात के तीन बजे अस्पताल में अपनी टीम के साथ तैनात रहने को कहा गया था। रिपोर्ट में डाक्टर ने बयान दिया है कि वह सुबह साढ़े छह बजे जब अपनी टीम के साथ अस्पताल पहुंचे और छत पर गए तो पुलिस ने उन्हें यह कहकर छत से नीचे उतार दिया कि गोली चल सकती है। थोड़ी देर बाद ही गोलियां चलने की आवाजें भी उन्होंने सुनी और नीचे उतर आए। थोड़ी ही देर में अस्पताल में घायलों का आना शुरू हो गया।

सिद्धू ने रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि सारी घटना बादल की जानकारी में थी। उनके आदेश पर ही पुलिस ने गोली चलाई। खुद पूर्व डीजीपी सुमेघ सिंह सैनी भी आयोग को दिए बयान में कह चुके हैं कि सारा मामला बादल की जानकारी में था। लगातार अकाली नेता मनतार सिंह बराड़, गगनदीप बराड़ और एसडीएम तथा डीसी व डीजीपी के साथ संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा था। फोन काल डिटेल्स इसके प्रमाण हैं कि रात को तीन बजे से 4 बजे के बीच 22 बार एक ही फोन नंबर से डीजीपी के साथ बातचीत की गई है। उसके बाद बादल को यह भी कहा गया कि शांतिपूर्ण धरना चल रहा है, स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन बादलों के आदेश के बाद पुलिस ने हथियार उठा लिए।

क्या है सीसीटीवी फुटेज में

सुबह के 6.42 मिनट पर कोटकपुरा चौक पर संगत शांतिपूर्ण धरने पर बैठी थी, तत्कालीन डीआइजी रणबीर सिंह खटड़ा धरने पर बैठी संगत से बात कर रहे थे। 6.42 बजे से 6.57 मिनट के बीच धरनास्थल पर तीन बार पुलिस व धरने पर बैठी संगत आमने-सामने होती है। 6.46 मिनट पर तत्कालीन एसएसपी चरणजीत सिंह शर्मा व अमर सिंह चाहल लाव लश्कर के साथ आए और पंथ प्रीत सिंह को धरने से जबरन उठाकर ले जाने लगे। इसी बीच पानी की बौछारें छोड़ी जाने लगीं। पंथ प्रीत को छुड़ाने को लेकर पुलिस व संगत में टकराव हुआ। 6.47 बजे आंसू गैस के गोले छोड़े गए। 6.48 बजे तक धरना स्थल खाली हो गया। कुछ ही सेकेंड में संगत लौटती है और पुलिस पर पथराव कर देती है। पुलिस घटनास्थल से भाग जाती है। 6.50 बजे फिर पुलिस लौटती है और पथराव कर रहे लोगों पर लाठियां बरसाती है। लोग फिर घटनास्थल से भाग जाते हैं। कुछ ही देर बाद दोबारा लोग लौटते हैं और पुलिस व लोगों के बीच मारपीट होती है। दूसरी तरफ दो पुलिस वाले जिनमें एक राइफल से तो दूसरा पिस्टल से हवा में गोलियां चलाते हैं।

सिद्धू के आरोप
40 साल तक प्रकाश सिंह बादल पंथ का निजी हितों के लिए करते रहे इस्तेमाल। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की माफी हिंदी में थी, उसे पंजाबी में किसने बदला? डेरा सच्चा सौदा प्रमुख से 100 करोड़ रुपये लेकर लाशों के नाम पर की बादलों ने राजनीति। डीजीपी ने 10 मिनट में धरनास्थल खाली कराने के आदेश दिए। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ पंथ की तरफ से गुरु की वेशभूषा पहनने के मामले में सात साल तक कार्रवाई नहीं होने दी बादलों ने।

सिद्धू के सवाल

रिपोर्ट विस में पेश होने के पांच दिन बाद क्यों चुप्पी तोड़ी बादल ने? आयोग के सामने जांच के लिए क्यों नहीं पहुंचे प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर बादल? आइएसआइ के नाम पर क्यों करते रहे पंथ की राजनीति? डीजीपी को गोली चलाने के आदेश बादल ने नहीं दिए तो क्या सुखबीर ने दिए? पिछली सरकार के कार्यकाल में गठित जस्टिस जोरा सिंह मान आयोग को क्यों नहीं मिली सीसीटीवी फुटेज? वियाना कांड सहित पंजाब में हुए तमाम मामलों में कभी गोली नहीं चलाई गई तो सिखों पर क्यों?

सिद्धू की बादलों को चुनौती

बादल बताएं कहां पर आना है बहस के लिए मैं तैयार हूं विधानसभा से भागने के बाद अब कहां तक भागेंगे बादल, मैं हर जगह घेरूंगा बादल साबित करें कि उन्होंने गोली चलाने के आदेश नहीं दिए बादल दें प्रमाण कि उन्होंन गगनदीप बरारड़ के फोन से डीजीपी से बात नहीं की थी

फिर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया सिद्धू ने

सिद्धू ने एक बार फिर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि 101 विधायकों ने विस में प्रस्ताव पास किया है कि बादलों के खिलाफ सरकार तत्काल कार्रवाई करे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तीन बार बयान दे चुके हैं कि वह इस मामले में किसी को बख्शेंगे नहीं। पहले तो कानूनी कार्रवाई होनी ही चाहिए। इस बारे में जब स्पष्ट तौर पर सिद्धू से पूछा गया तो कहा कि कैप्टन ने 101 विधायकों व समूह पंजाब व देश वासियों से वायदा किया है कि कार्रवाई होगी।
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