नियमों को ताक पर रख नॉमिनेट किए गए सीनेटर : गोयल

नायडू द्वारा नॉमिनेट किए गए सीनेटर नियमों को ताक पर रखकर अप्वाइंट किए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Aug 2019 11:32 PM (IST) Updated:Fri, 23 Aug 2019 06:32 AM (IST)
नियमों को ताक पर रख नॉमिनेट किए गए सीनेटर : गोयल
नियमों को ताक पर रख नॉमिनेट किए गए सीनेटर : गोयल

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सीनेट में चांसलर एम वेंकैया नायडू द्वारा नॉमिनेट किए गए सीनेटर नियमों को ताक पर रखकर अप्वाइंट किए गए हैं। यह आरोप अशोक गोयल ने लगाए। वीसी द्वारा बहुमत की बात को नकारते हुए डीएसडब्ल्यू को एक्सटेंशन नहीं देने के विरोध में की गई प्रेस वार्ता में अशोक ने कहा कि गजेटेड नोटिफिकेशन में हटाए गए सदस्यों के नाम नहीं बताए गए हैं जबकि नियुक्त किए गए सदस्यों के नाम डाले जा चुके हैं। नियमों के अनुसार पहले तो नोटिस देना अनिवार्य होता है। इसके साथ ही नए सदस्यों की नियुक्ति के साथ ही पुरानों को हटाने की नोटिफिकेशन भी एक साथ होनी चाहिए थी। जोकि पंजाब यूनिवर्सिटी के कैलेंडर नियम हैं। उन्होंने कहा कि सीनेट में नियुक्त किए गए सारे सदस्य वीसी की इच्छा से किए गए हैं जोकि सरासर गलत है। नवनियुक्त पांच में से चार सीनेटरों ने अटेंड की बैठक

वाइस चांसलर की तरफ से 17 अगस्त को पांच नए सीनेट सदस्यों की नोटिफिकेशन जारी की थी। जिसमें से चार ने बैठक को अटेंड किया। उसमें केंद्रीय राज्य मंत्री सोमप्रकाश, प्रो. राजेंद्र भंडारी, अनिलेश महाजन और अमिता ऋषि शमिल थे। सांसद बोलीं : काम कम, चिल्लाते ज्यादा हैं

सीनेट की बैठक में सांसद किरण खेर भी मौजूद रहीं। प्रो. नवदीप शर्मा को एक्सटेंशन देने पर हुए बवाल को देखते हुए किरण खेर ने कहा कि पीयू में काम कम और शोर-शराबा और चिल्लाया ज्यादा जाता है। जिसके कारण मैं बैठक में आना पसंद नहीं करती हूं। उन्होंने कहा कि मुझे कई लोग पूछते है कि मैं बैठक में क्यों नहीं जाती तो उसका उत्तर यहीं है कि यहां पर काम कम और शोर-शराबा ज्यादा होता है। किरण खेर एक घंटे तक बैठक में रही। उन्होंने बैठक में से जाने से पहले डीएसडब्ल्यू को एक्सटेंशन देने पर विचार रखा। जिसका सभी सीनेटरों ने जमकर विरोध किया। सांसद का कहना था कि डीएसडब्ल्यू को एक्सटेंशन नहीं मिलनी चाहिए। किसी दूसरे को मौका मिलना चाहिए, किरण खेर के बोलते हुए ज्यादातर सीनेटर पास-पास के नारे लगाने लग पड़े।

chat bot
आपका साथी