बिना रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन के चल रहे पीजी संचालकों पर कार्रवाई, भेजे नोटिस Chandigarh News

एक हफ्ते में 20 पेइंग गेस्ट संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं। एसडीएम साउथ सौरभ मिश्रा ने बताया कि पूरे शहर में 50 से 60 पेइंग गेस्ट के खिलाफ लीगल प्रोसिसिंग जारी है।

By Edited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 10:30 PM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 11:16 AM (IST)
बिना रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन के चल रहे पीजी संचालकों पर कार्रवाई, भेजे नोटिस Chandigarh News
बिना रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन के चल रहे पीजी संचालकों पर कार्रवाई, भेजे नोटिस Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर में बिना रजिस्ट्रेशन व पुलिस वेरिफिकेशन के चल रहे पीजी संचालकों पर एसडीएम साउथ ने कार्रवाई की है। बीते एक हफ्ते में 20 पेइंग गेस्ट संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं। एसडीएम साउथ सौरभ मिश्रा ने बताया कि पूरे शहर में 50 से 60 पेइंग गेस्ट के खिलाफ लीगल प्रोसिसिंग जारी है।

शहर में 500 से ज्यादा पेइंग गेस्ट (पीजी) बिना रजिस्ट्रेशन व पुलिस वेरिफिकेशन के चल रहे हैं। पुलिस-प्रशासन भी पीजी संचालकों पर कार्रवाई करने में कतरा रहा है। यूटी प्रशासन ने अगस्त 2006 में पेइंग गेस्ट के लिए पॉलिसी बनाई थी। समय के साथ इसमें कई संशोधन भी किए गए। पॉलिसी के मुताबिक शहर में साढ़े सात मरला या उससे ऊपर की कोठियों में ही पेइंग गेस्ट चलाया जा सकता है जबकि शहर में कई लोग 5, 6 और 7 मरला के मकानों में पीजी चला रहे हैं।

एस्टेट ऑफिस की ओर से भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पुलिस व प्रशासन की लापरवाही से शहर में अपराधियों को ठिकाना ढूंढ़ने में भी मुश्किल नहीं होती। शहर के इन सेक्टरों में चल रहे पेइंग गेस्ट शहर में इस समय 500 से अधिक पीजी हैं। केवल 40 से 50 पीजी ही एस्टेट ऑफिस में रजिस्टर्ड हैं। शहर के सेक्टर-15, 16, 7, 8, 10, 18, 19, 21, 35, 36, 37, 40, 42, 44 में सबसे ज्यादा पीजी हैं। जहां हजारों की तादाद में लोग रह रहे हैं। ज्यादातर पेइंग गेस्ट में अधिक मुनाफा कमाने के लिए एक ही रूम में चार से पांच बेड देकर स्टूडेंट्स से मोटी कमाई की जा रही है।

पीजी संचालकों पर नियमित चेकिंग न होने से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। अधिकांश पीजी में कॉलेज स्टूडेंट्स और कोचिंग सेंटरों में कोचिंग ले रहे स्टूडेंट्स रह रहे हैं। शहर की कॉलोनियों, हाउसिंग बोर्ड और चीप हाउस के मकानों तक में पीजी रखे जा रहे हैं। नियमों के अनुसार पीजी सुविधा शुरू करने से पहले इसका रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है लेकिन प्रशासन के नियमों पर कोई अमल नहीं किया जा रहा है।

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