शिक्षा विभाग का सख्त कदम, पेरेंट्स से फीस मांगने पर रद हो सकती है स्कूल की मान्यता

शिक्षा विभाग ने मार्च/अप्रैल माह की फीस के लिए पेरेंट्स को राहत दी है। कुछ स्कूल प्रशासन द्वारा पेरेंट्स को मैसेज भेज कर फीस की मांग की जा रही है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 08:22 AM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 08:22 AM (IST)
शिक्षा विभाग का सख्त कदम, पेरेंट्स से फीस मांगने पर रद हो सकती है स्कूल की मान्यता
शिक्षा विभाग का सख्त कदम, पेरेंट्स से फीस मांगने पर रद हो सकती है स्कूल की मान्यता

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर के प्राइवेट स्कूलों द्वारा पेरेंट्स से फीस मांगे जाने पर शिक्षा विभाग ने सख्त उठाया है। मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शहर के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें स्कूलों के प्रिंसिपल और हेड को साफ तौर पर नसीहत दी गई कि अगर उन्होंने पेरेंट्स से फीस मांगी तो उस स्कूल की मान्यता रद हो सकती है। 

शिक्षा विभाग ने मार्च/अप्रैल माह की फीस के लिए पेरेंट्स को राहत दी है। कुछ स्कूल प्रशासन द्वारा पेरेंट्स को मैसेज भेज कर फीस की मांग की जा रही है। नोटिफिकेशन में खास तौर पर प्राइवेट स्कूलों को आड़े हाथों लिया है।

100 करोड़ का हो चुका नुकसान, व्यापारियों को दी जाए राहत

कांग्रेस पार्षद दल के नेता एवं सलाहकार परिषद के सदस्य देवेंद्र सिंह बबला ने प्रेसनोट जारी कर कहा है कि लॉकडाउन के कारण स्थानीय व्यवसायों और व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। बबला का कहना है कि अब तक 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। बबला का कहना है कि सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर आदेश का पालन कर रहे हैं। किसी भी व्यापारी और उद्योगपति ने अपने कर्मचारी का वेतन नहीं रोका है ऐसे में इन व्यापारियों को आय कर का भुगतान करने में तीन माह की छूट मिलनी चाहिए।

बबला का कहना है कि व्यापारियों को आर्थिक पैकेज देना चाहिए। बबला का कहना है कि पानी और बिजली के बिलों का जो न्यूनतम शुल्क लिया जाता है वह माफ होना चाहिए। बबला का कहना है कि वह पिछले दो सप्ताह से अपने वार्ड में शामिल सेक्टर-27, 28 और 30 के जरूरतमंद लोगों को 1500 से अधिक राशन के पैकेट बांट चुके हैं। उनका कहना है कि इस समय हर कांग्रेस का कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर काम करके जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रहे हैं।

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