पंजाब में शिअद व भाजपा की राहें अलग-अलग, कृषि विधेयक पर आमने-सामने आए

पंजाब में भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन में दरार आ गई दिखती है। कृषि विधेयकों पर शिअद और भाजपा की राहें अलग - अलग हो गई हैं। दोनों दलों इस मुद्दे पर आमने-सामने दिख रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 06:52 PM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 06:52 PM (IST)
पंजाब में शिअद व भाजपा की राहें अलग-अलग, कृषि विधेयक पर आमने-सामने आए
भाजपा के पंजाब पंधान अश्‍वनी शर्मा और शिअद के प्रधान सुखबीर सिंह बादल।

चंडीगढ़, [इंद्रप्रीत सिंह]। कृषि विधेयकों को लेकर शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी की राहें अलग-अलग हो गई हैं। पिछले तीन महीने से लगातार इन विधेयकों का समर्थन करते आ रहे अकाली दल ने ऐलान किया है कि 25 सितंबर को पार्टी तीन विधेयकों के खिलाफ तीन घंटे के लिए सड़कें जाम करेगी। पार्टी के उपप्रधान डॉ दलजीत सिंह चीमा और पूर्व सांसद प्रो प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस दिन सभी पार्टी वर्कर, नेता इस जाम में शामिल होंगे।

उधर, भारतीय जनता पार्टी ने आज से किसानों को इन विधेयकों पर राजी करने के लिए मास कांटेक्ट प्रोग्राम शुरू कर दिया है और सभी जिलों में पार्टी नेताओं ने इन बिलों के पक्ष में अपने विचार रखे। भाजपा नेताओं ने कहा कि ये विधेयक किसानों को स्वतंत्रता देंगे। वे अपनी फसलों को कहीं भी बेच सकेंगे।

भाजपा के प्रदेश महासचिव डॉ. सुभाष श साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली खत्म नहीं की जा रही है कांग्रेस इसको लेकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने खुद एपीएमसी एक्ट को खत्म करने की बात की है और जब यही कदम भाजपा सरकार ने उठाया है तो उसका विरोध किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि किसानों को इन बहकावों से बचाने की जरूरत है जिसको लेकर पार्टी ने आज पूरे प्रदेश में उनके नेताओं से मिलने का कार्यक्रम बनाया है। पार्टी हर गांव में जाकर किसानों से बात करेगी और उन्हें बताएगी कि ये बिल उनके खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए बिलों को पंजाबी में अनुवाद करवाया गया है ताकि उन्हें इन्हें समझने में कोई दिक्कत न आए।

आढतियों ने भी 25 के पंजाब बंद में कूदने का किया ऐलान

उधर , पंजाब की दोनों आढती एसोसिएशन भी मैदान में कूद पड़ी हैं। 25 को लेकर किसानों की ओर से किए गए बंद के आह्वान में आढ़ती शामिल हो गए हैं। शहरों में व्यापारियों का समर्थन लेने के लिए उन्होंने उनसे मिलना शुरू कर दिया है। एसोसिएशन के प्रधान विजय कालरा ने कहा कि व्यापार मंडल, करियाना एसोसिएशन और अन्य सभी व्यापारियों से संपर्क साधा जा रहा है ताकि केंद्र सरकार को दिखाया जा सके कि पंजाब का एक एक व्यक्ति इन बिलों के खिलाफ है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग कर रहा है।

कांग्रेस चलाएगी देशव्यापी बड़ा आंदोलन

पंजाब और हरियाणा में कांग्रेस इन विधेयकों के खिलाफ बड़े स्तर परा विरोध रैलियां  और पार्टी ट्रैक्टर प्रदर्शन कर रही है लेकिन, अब वह देशव्यापी बड़ा आंदोलन चलाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि इसके लिए अन्य राज्यों की इकाइयों को भी शामिल किया जाएगा। यह कब होगा, इसके बारे में अभी कोई तारीख तय नहीं है। 

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