पंजाब में 106 सड़क मार्गों का होगा पुनरुद्धार, 743 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च, जानें कहां-कहां होना है काम
पंजाब में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत 743 करोड़ रुपये की लागत से 106 सड़कों की मरम्मत की जाएगी। लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला ने बताया कि इस प्रोजेक्ट 743 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत ग्रामीण सड़कों का स्तर ऊंचा उठाने और इनको मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब को मंजूरी मिल गई है। लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत 106 सड़कों का 743 करोड़ रुपये के साथ स्तर ऊंचा किया जाएगा। इन सड़कों की कुल लंबाई 1010 किलोमीटर बनती है।
सिंगला ने कहा इन प्रोजेक्टों के तहत 18 जिलों के 69 कम्युनिटी ब्लाकों में सड़कों का स्तर ऊंचा उठाया जाएगा। इन जिलों में अमृतसर, बठिंडा, बरनाला, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मानसा, मोगा, मोहाली, मुक्तसर, नवांशहर, पठानकोट, पटियाला, संगरूर और तरनरन शामिल हैं। सिंगला ने बताया कि 90 सड़कों को 5.50 मीटर तक और 13 सड़कों को 3.75 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा। इस दौरान 3 सड़कों का मानक बढ़ाया जाएगा। प्राथमिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह काम जून 2021 से शुरू होने की संभावना है।
पीडब्ल्यू (बी एंड आर) के प्रमुख सचिव विकास प्रताप ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से पीएमजीएसवाई प्रोजेक्ट को पहले ही मंजूरी किया जा चुका है जो कि 735 करोड़ रुपये की लागत के साथ 98 सड़कों का स्तर ऊंंचा उठाने से संबंधित है। इस प्रोजेक्ट के तहत 1045 किलोमीटर सड़कों का उत्थान किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट 12 जिलों के 75 कम्युनिटी ब्लाकों में लागू किया जा रहा है, जिनमें बठिंडा, बरनाला, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, मोगा, मोहाली, पटियाला और संगरूर शामिल हैं। इन कामों के लिए टेंडर प्रक्रिया मुकम्मल हो गई है और उच्चस्तरीय कमेटी की तरफ से उठाए गए सभी नुक्तों को हल कर दिया गया है। यह काम इसी महीने अप्रैल में शुरू हो जाएगा।
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गौरतलब है कि पीएमजीएसवाई प्रोजेक्ट (बैच -1 और 2) 60ः40 की अनुपात के साथ चलाया जाएगा। इसमें केंंद्र सरकार का 60 प्रतिशत और राज्य सरकार का 40 प्रतिशत हिस्सा होगा। यह सड़कें 5 सालों के लिए रुटीन प्रबंधन ठेके के अंतर्गत होंगी और उसी एजेंसी की तरफ से ही इनका रखरखाव किया जाएगा। रुटीन प्रबंधन के लिए 100 करोड़ रुपयेे के फंड होंगे, जो कि राज्य सरकार की तरफ से मुहैया करवाए जाएंगे। राज्य सरकार अनाज मंडी, शैक्षिक संस्थाओं, सेहत संभाल केंद्रों और परिवहन सुविधाओं समेत सभी गांवों को मानक सड़क सहूलतें देने के लिए पूरी तरह सक्रिय है।
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