Punjab Congress Crisis: बागी खेमे को हरीश रावत का झटका, कहा- कैप्‍टन अमरिंदर के नेतृत्‍व में लड़ेंगे 2022 चुनाव

Punjab Congress Crisis पंजाब कांग्रेस का संकट अब दिल्‍ली और देहरादून तक पहुंच गया है। पंजाब के चार बागी मंत्री और तीन विधायकों का दल हरीश रावत से मिलने देहरादून पहुंचा तो कैप्‍टन खेमे के कुछ नेता दिल्‍ली रुख करने की तैयारी में हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 01:19 PM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 02:46 PM (IST)
Punjab Congress Crisis: बागी खेमे को हरीश रावत का झटका, कहा- कैप्‍टन अमरिंदर के नेतृत्‍व में लड़ेंगे 2022 चुनाव
देहरादून में पत्रकाराें से बातचीत करते हरीश रावत । (एएनआई)

चंडीगढ़, जेएनएन/एएनआइ। Punjab Congress Discord: पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने बागी खेमे को तगड़ा झटका दिया है। बागी खेमे के नेताओं से मिलनेे बाद हरीश रावत ने साफ किया कि पंजाब में नेतृत्‍व में कोइ्र बदालाव नहीं होगा और कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ही मुख्‍यमंत्री रहेंगे। कैप्‍टन के नेतृत्‍व में ही कांग्रेस 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव ल़ड़ा जाएगा।

उधर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी व पटियाला की सांसद परनीत कौर ने कहा कि यह पूरा प्रकरण उनके द्वारा (नवजोत सिंह सिद्धू ) द्वारा शुरू किया गया, और उनके सलाहकारों ने गलत टिप्पणियां की। लेकिन, सीएम ने परिपक्वता और बड़ी सोच का प्रदर्शन किया। एक बार आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का फैसला कर लिया तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कहा कि यह कांग्रेस प्रधान का फैसला है और उन्हें मंजूर है।

दूसरी ओर पंजाब कांग्रेस का घमासान अब दिल्‍ली और देहरादून तक पहुंच गया ह‍ै। इससे पहले कल पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत करने वाले खेमे के चार मंत्री और तीन विधायक पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत से मिलने आज देहरादून पहुंच गए। पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे के ये नेता पार्टी की कार्यवाहक अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए रावत के माध्‍यम से समय लेना चाहते हैं। दूसरी ओर, कैप्‍टन अमरिंदर का खेमा भी सक्रिय हो गया है। अमरिंदर के खेमे के नेता भी दिल्‍ली जाने की तैयारी कर रहे हैं। यह भी बताया जाता है कि कैप्‍टन समर्थकों ने हरीश रावत से भी संपर्क किया है।

तृप्‍त राजिंदर सहित सात बागी नेता हरीश रावत से देहरादून में मिले, तो कैप्‍टन समर्थक दिल्‍ली की तैयारी में

पंजाब कांग्रेस में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मंगलवार को हुई खुली बगावत के बाद खींचतान चरम पर पहुंच गई है। दोनों गुटों के बीच रस्‍साकसी तेज होने के साथ ही आलाकमान तक उनकी दाैड़ शुरू हो गई है। बागी गुट के नेताओं ने कल शाम नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात के बाद ऐलान किया था कि सात सदस्‍यीय दल पार्टी आलाकमान से मिलकर पूरी स्थिति से अवगत कराएगा और कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग करेगा।

इसके बाद बुधवार सुबह पंजाब के कैबिनेअ मंत्री तृप्‍त राजिंदर सिंह बाजवा के नेतृत्‍व में यह शिष्टमंडल प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से मिलने के लिए देहरादून पहुंचा। इस दल में बाजवा के साथ पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, चरणजीत सिंह चन्‍नी और तीन विधायक शामिल हैं। माना जा रहा है कि हरीश रावत से मुलाकात में बागी नेताओं ने अपना पक्ष रखा और मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर‍ सिंह के प्रति अविश्‍वास जताया।

इन नेताओं का कहना है कि अब उनका मुख्‍यमंत्री पर भरोसा नहीं रह गया है और सीएम को बदला जाए। रावत से मुलाकात कर ये नेता कांग्रेस की कार्यवाहक राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए समय लेना चाहते हैं। इसके बाद वे दिल्‍ली जाएंगे।

दूसरी ओर, कैप्‍टन अमरिंदर सिंह खेमा भी सक्रिय हो गया है। कैप्‍टन अमरिंदर समर्थकों का हौसला कल बागी नेताओं की बैठक में शामिल हुए छह विधायकों के बाद में पलट जाने और मुख्‍यमंत्री का समर्थन करने की घोषणा से बढ़ा है। कैप्‍टन विरोधी गुट की मंगलवार को हुई बैठक में शामिल हुए विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, दलवीर सिंह गोल्‍डी, कुलदीप वैद्य, संतोख सिंह भलाईपुर , अंगद सिंह और गुरकीरत सिंह कोटली ने देर रात कहा कि उन्‍हें नहीं पता था कि बैठक में इस तरह की बातें होंगी और सीएम बदलने की मांग होगी। बैठक में शामिल होने वाले पूर्व विधायक अजीत सिंह मोफर ने भी कैप्टन अमरिंदर का समर्थन किया है।

बैक फायर न कर जाए कैप्टन के खिलाफ बगावत

ऐसे में चर्चा है कि नवजोत सिंह सिद्धू और उनके खेमे के लिए यह कदम 'बैक फायर' न साबित हो जाए। छह विधायकों के कैप्‍टन काे समर्थन देने के बाद बागी खेमे में चार मंत्रियों सहित 17-18 विधायकों का ही समर्थन रह जाता है। इस तरह कांग्रेस के 80 विधायकों में से 62-63 विधायकों का अब भी समर्थन है। यह भी चर्चा है कि बागी खेमे से कुछ अन्‍य विधायक भी पलट सकते हैं। दूसरी ओर बागी खेमा अपनी ताकत बढ़ाने और अन्‍य विधायकों को भी साथ लाने में जुटा हुआ है।

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