रेलवे प्रोजेक्ट के लिए चढ़ेगी पांच हजार पेड़ों की बलि

बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पेड़ों की बली देनी पड़ती है। बड़े प्रोजेक्ट के लिए अकसर पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलती रही है। अब रेलवे के रेलोपॉलिश प्रोजेक्ट के लिए एक साथ पांच हजार पेड़ काटे जाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Feb 2020 07:12 PM (IST) Updated:Wed, 12 Feb 2020 07:12 PM (IST)
रेलवे प्रोजेक्ट के लिए चढ़ेगी पांच हजार पेड़ों की बलि
रेलवे प्रोजेक्ट के लिए चढ़ेगी पांच हजार पेड़ों की बलि

बलवान करिवाल, चंडीगढ़

बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पेड़ों की बली देनी पड़ती है। बड़े प्रोजेक्ट के लिए अकसर पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलती रही है। अब रेलवे के रेलोपॉलिश प्रोजेक्ट के लिए एक साथ पांच हजार पेड़ काटे जाएंगे। चंडीगढ़ बनने के बाद यह पहला ऐसा बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसके लिए इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई होगी। यह पेड़ रेलवे लाइन के दोनों तरफ दायरे में आ रहे हैं। इसमें से तीन हजार पेड़ तो चंडीगढ़ के ही हैं। जबकि करीब दो हजार पेड़ पंचकूला की तरफ उसके दायरे में आते हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए रेलवे ने यूटी प्रशासन से यह पेड़ काटने की मंजूरी मांगी है। रेलवे करीब 30 एकड़ जमीन पर व‌र्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन और कमर्शियल प्रोजेक्ट डेवलप कर रहा है। हालांकि रेलवे ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी जमीन पर सिर्फ कमर्शियल केटेगरी के पेड़ ही लगे हैं। जिसमें सफेदे के पेड़ बड़ी संख्या में है। भविष्य की योजना को ध्यान में रखते हुए कमर्शियल पेड़ ही लगाए गए थे।

यूटी प्रशासन का फॉरेस्ट डिपार्टमेंट दो मुख्य शर्त पर रेलवे को यह मंजूरी देगा। एक रेलवे को इनकी जगह पांच गुणा यानी 25 हजार पौधे लगाने होंगे। यह पौधे कहां लगाए जाएंगे रेलवे को यह जगह भी दिखानी होगी। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी इंस्पेक्शन के बाद मंजूरी देंगे। इसकी इनवायरमेंटल क्लीयरेंस के लिए इनवायरमेंट कमेटी गठित होगी। अभी 12 फीसद है ग्रीनरी, बढ़ाकर 21 प्रतिशत करने का दावा

रेलवे ने दावा किया है कि चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से जुड़े निर्माण प्रोजेक्ट में 12 प्रतिशत ग्रीनरी आती है। यही ग्रीनरी प्रोजेक्ट की वजह से खत्म होगी, लेकिन प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद जितनी प्लांटेशन होगी उससे ग्रीन कवर बढ़कर 21 प्रतिशत हो जाएगा। रेलवे के अधिकारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन को प्रेजेंटेशन देकर इसकी जानकारी दी है। प्रोजेक्ट में लैंडस्केपिग और ओपन एरिया में यह ग्रीनरी होगी। 136 करोड़ की लागत से 25 लाख स्क्वेयर मीटर एरिया होगा डेवलप

रेलोपॉलिश प्रोजेक्ट में 25 लाख स्क्वेयर मीटर एरिया डेवलप होगा। जिसमें रेलवे लाइन की दोनों तरफ दो एंड ब्लॉक बनेंगे। मॉल, मार्केट, स्कूल, हॉस्पिटल, कान्फ्रेंस हॉल और रेजिडेंशियल एरिया भी डेवलप होगा। यह प्रोजेक्ट सब सिटी की तरह डेवलप होगा। कुल एरिया का 30 प्रतिशत हिस्सा रेजिडेंशियल होगा जिसमें फ्लैट बनेंगे। दो साल में प्रोजेक्ट पूरा होगा। इसके बाद यहां सिर्फ ट्रेन पकड़ने ही नहीं पार्टी करने भी जा सकेंगे। शहर में पहली ऐसी जगह होगी जो 24 घंटे सातों दिन लोगों के लिए ओपन होगी। रेलवे प्रोजेक्ट पर रेलवे के अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन देकर जानकारी दी थी। इसके दायरे में जो पेड़ आ रहे हैं, उसके बदले में पांच गुणा पेड़ लगाने होंगे। साथ ही पेड़ कहां लगाए जाएंगे यह जगह भी बतानी होगी। इसके बाद ही पेड़ काटे जा सकते हैं। जो पेड़ हैं वह कमर्शियल हैं, इसलिए इस मामले में ज्यादा दिक्कत नहीं है।

- देबेंद्र दलाई, चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट, चंडीगढ़।

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